अहमदाबाद। गांधीनगर सत्याग्रह छावनी में प्रदेशभर के प्राथमिक प्रभाग के एच-टैट (HTAT) प्रिंसिपल अपनी बारह साल पुरानी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए हैं। इन लोगों ने कल गांधीनगर मामलतदार से आंदोलन के लिए अनुमति मांगी थी, परंतु मंजूरी न मिलने पर गांधीनगर सत्याग्रह शिविर से सटे मैदान में आमरण अनशन करके आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। शिक्षकों का कहना है कि जब तक कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा तब तक आमरण अनशन करेंगे।
प्रदेशभर में लगभग 7000 एच-टैट (HTAT) प्रिंसिपल हैं जो तबादले समेत अन्य मुद्दों के बारे में सरकार से परिपत्र की मांग कर रहे हैं। इससे पहले चार बार सरकार के साथ उनकी बैठकें हो चुकी हैं, फिर भी समस्या हल न होने पर आंदोलन का रास्ता अपनाया है। गांधीनगर में 400 से अधिक एच-टैट (HTAT) प्रिंसिपल इकट्ठा हुए हैं। गांधीनगर आंदोलन में आई एच-टैट (HTAT) शिक्षक अमीबेन रबारी ने कहा कि हम बिना नियम-कानून के काम कर रहे हैं। हमें 4200 ग्रेड पे दिया जाता है जो 4400 होता है। हम एच-टैट (HTAT) पर काम कर रहे हैं लेकिन कोई अन्य लाभ नहीं मिल रहा है। काम के बोझ के बावजूद हमारा ट्रांसफर नहीं हो रहा है।
कलोल की शिक्षिका जिगीशाबेन प्रजापति ने कहा कि सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है। प्राथमिक शाला में 1-8 तक की कक्षाएं हैं, लेकिन क्लर्क, कंप्यूटर शिक्षक या चपरासी की सुविधा नहीं है। हम प्रिंसिपल हैं, लेकिन बाकी लोगों की तरह काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं कर रही है।
शिक्षकों के आमरण अनशन से पहले सोमवार, 15 जुलाई को शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने सोशल मीडिया (X) पर एच-टैट (HTAT) प्रधानाध्यापकों से भूख हड़ताल स्थगित करने की अपील की थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि- सभी एच-टैट (HTAT) प्रधानाध्यापक मित्रों से विनम्र अपील है कि आपकी स्थानांतरण नियमावली तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। इसलिए मैं अपने सभी एच-टैट (HTAT) हेडमास्टर मित्रों से अपील करता हूं कि वे आंदोलन को स्थगित कर दें।