सूरत। भाठा इलाके में पानी के पानी की समस्या विकट होती जा रही है। इसे 8 महीने पहले नगर निगम में शामिल किया था, इसके बावजूद पानी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। यहां ग्रीन सिटी और आसपास की बिल्डिंगों के 1500 फ्लैट में रहने वाले हर महीने पानी के लिए 15 लाख रुपए चुकाने को मजबूर हैं। स्थानीय लोग नगर निगम, जलापूर्ति बोर्ड, स्थानीय पार्षद, विधायक और पानी समिति के अध्यक्ष से कई बार सिफारिश कर चुके हैं, इसके बावजूद कोई नतीजा नहीं निकाला। अंतत: लोगों ने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
बता दें, भाठा पहले सूठा के अधिकार क्षेत्र में था। उस दौरान गुजरात जल बोर्ड द्वारा यहां पानी की सप्लाई की जाती थी। इसे 8 महीने पहले ही नगर निगम में शामिल किया गया था। अब पानी सप्लाई करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। जिस लाइन से पानी की सप्लाई की जाती है, उसमें कम प्रेशर से पानी आता है। इससे यहां के लोगों को जलसंकट से जूझना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने रांदेर जोन में शिकायत की तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि पानी की लाइन गुजरात जल बोर्ड द्वारा डाली है, इसलिए उसकी रिपेयरिंग भी बोर्ड ही करेगा। लोग गुजरात जल बोर्ड में गए तो अधिकारियों ने कहा कि अब यह इलाका नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में है। पानी समेत सभी जिम्मेदारी भी उसी की है। ऑफिस और अधिकारियों का चक्कर लगाने के बाद भी भाठा की समस्या हल नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने मटका लेकर विरोध प्रदर्शन किया।