अहमदाबाद। गिर में रेलवे ट्रैक पर शेरों की मौत रोकने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है। जिसमें रेंज लेवल कमेटी, डिविजनल लेवल रिव्यू कमेटी, सर्कल लेवल रिव्यू कमेटी के तहत 10 सदस्यों की टीम मिलकर काम करेगी। इस समिति में 5 सदस्य वन विभाग से नियुक्त किए जाते हैं तथा अन्य 5 सदस्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। इस समिति के माध्यम से हॉटस्पॉट सहित क्षेत्रों में ट्रेनों की गति को नियंत्रण में रखकर रेलवे ट्रैक पर शेरों की मौत को रोका जाएगा, शेरों की आवाजाही की सूचना मिलने पर वन विभाग को सूचित किया जाएगा।
रेलवे ट्रैक पर शेरों की मौत की घटना पर हाईकोर्ट सख्त कदम उठाया है। जिसमें हॉटस्पॉट सहित क्षेत्रों की निगरानी और उचित संचालन के लिए मंडल स्तरीय समीक्षा समिति का गठन किया गया है। साथ ही रेंज लेवल कमेटी की बैठक हर माह के प्रथम सप्ताह में होगी। तीन माह की अवधि में मंडल स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक करके जंगलों से गुजरने वाली ट्रेनों की गति निर्धारित करने के साथ ही तमाम मुद्दों पर चर्चा की जायेगी।
हाईकोर्ट के आदेशानुसार वन विभाग और रेलवे विभाग के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है। जिसके माध्यम से जंगलों से गुजरने वाली ट्रेनों की निश्चित गति निर्धारित की गई है। जिसमें राजुला-पीपावाव, कासिया नेस-सासण गिर, जूनागढ़-बिल्खा ट्रेनों की गति स्थायी रूप से कम कर दी गई है। इसके साथ ही दामनगर – लिलिया मोटा, लिलिया मोटा – सावरकुंडला, सावरकुंडला – गढ़ाकड़ा, गढ़ाकड़ा – विजपडी, विजपडी – राजुला जंक्शन, राजुला – महुवा सहित ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 40 किमी रखने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने वन विभाग और रेलवे विभाग की साझा जिम्मेदारी तय करते हुए कहा कि अगर इस तरह से किसी शेर की मौत होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।