अहमदाबाद। फर्जी केस करने की धमकी देकर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले चीनी गिरोह से जुड़े एक स्थानीय गिरोह के 13 लोगों को अहमदाबाद साइबर क्राइम ने गिरफ्तार करके एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार आरोपी लोगों को कमीशन का लालच देकर बैंक में खाते खुलवाते थे और उनमें फर्जी पैसे जमा करवाते थे। उस पैसे को क्रिप्टो करेंसी में चीन भेजा जाता था। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे होने की संभावना जताई है। अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस इंस्पेक्टर पीएच मकवाणा और उनके स्टाफ को खुफिया सूचना मिली थी कि कृष्णानगर, विजय पार्क चौराहे के पास मारुति प्लाजा में कुछ लोग कार्यालय खोलकर चीनी गिरोह के साथ मिलकर कई लोगों को लालच देकर बैंक में उनके खाते खुलवाकर बड़ी मात्रा में ऑनलाइन हेराफेरी करते हैं। पुलिस ने गुरुवार को छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान मारुति प्लाजा में भूतल पर कृषव इंटरप्राइजेज और तीसरी मंजिल पर स्थित कार्यालयों में भगदड़ मच गई थी। पुलिस ने कई लोगों को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि दिलीप जगाणी (निवासी- हरिकृपा सोसाइटी, निकोल) और दीपक रादडिया (धनलक्ष्मी सोसाइटी, हीरावाड़ी, सैजपुर) कई लोगों के बैंक में खाते खुलवाकर उसकी जानकारी दुबई भेजते थे। खाते में जमा रकम सेल्फ चेक से निकालकर केतन पटेल (निवासी श्याम शुकन सोसायटी, पीडीपीयू रोड, गांधीनगर) को देते थे।
वह हवाला से आए पैसे को चीनी गिरोहों को क्रिप्टो करेंसी में ट्रांसफर करता था। इसके बदले में दीपक और दिलीप को तीन-तीन प्रतिशत कमीशन मिलता था। पुलिस ने दीपक और दिलीप के साथ तनख्वाह पर नौकरी करने वाले आठ लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जो बैंक से नकदी निकालकर कार्यालय में जमा करते थे। इस तरह पिछले दो माह में करोड़ों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने गहन जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में साइबर क्राइम एसीपी हार्दिक माकड़िया ने बताया कि पुलिस ने विभिन्न बैंकों के 30 पासबुक, 39 चेकबुक, 59 एटीएम कार्ड, बैंक खाता खोलने के फॉर्म, हिसाब-किताब के कागजात जब्त किए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि दिलीप जगाणी और दीपक रादडिया ने एक बहुत बड़ा बैंक खाता खोलकर पूरी धोखाधड़ी को अंजाम दिया है।