नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात के पांच दिन बाद ही केंद्र सरकार ने 60 हजार करोड़ के निवेश से तेल रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल हब स्थापित करने की मांग स्वीकार कर ली है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि.(BPSL) के उच्चाधिकारियों से मिलकर प्रदेश में रिफाइनरी स्थापित करने की संभावनाओं पर चर्चा की थी। अब लोगों की निगाहें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिक गई हैं। एनडीए सरकार में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के साथ नीतीश कुमार की जेडीयू की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऑयल रिफाइनरी के लिए तीन जगहों पर चर्चा हुई है। इसमें श्रीकाकुलम, मछलीपट्टनम और रामाइपट्टनम शामिल हैं। 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में रिफाइनरी को लेकर आधिकारिक घोषणा हो सकती है। इसे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की बड़ी जीत मानी जार ही है। चंद्रबाबू ने पीएम मोदी और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के साथ हुई बैठक में रिफाइनरी स्थापित करने पर जोर दिया था।
हालांकि बीपीसीएल और पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस बारे में कुछ भी नहीं बताया है। उधर, चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया(X) पर लिखा है- देश के पूर्वी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित हमारे राज्य में पेट्रोकेमिकल की महत्वपूर्ण संभावनाएं हैं। आज मैंने भारत पेट्रोलियम काॅर्पोरेशन लि. के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री कृष्ण कुमार के नेतृत्व में इसके प्रतिनिधियों से मुलाकात की।