तेहरान। ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ गए हैं। सुधारवादी नेता मसूद पेजेशकियान की जीत हुई है, जबकि कट्टरपंथी सोच वाले सईद जलीली चुनाव हार गए हैं। पेजेशकियान पेशे से एक हार्ट सर्जन हैं और लंबे समय से सांसद रहे हैं। उनकी जीत पर समर्थकों में खुशी का माहाैल है। पेजेशकियान की जीत के बाद ईरान में बदलाव होने की उम्मीद कम ही है, क्योंकि वह खुद वादा कर चुके हैं कि उनके कार्यकाल में देश के शिया धर्मतंत्र में कोई आमूलचूल परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की 19 मई को एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी। नियमों के अनुसार ऐसी स्थिति में 50 दिनों के भीतर राष्ट्रपति का चुनाव कराने का प्रावधान है। रईसी सुप्रीम लीटर आयतुल्ला अली खामेनेई के सबसे करीबी थे और वह खामेनेई के उत्तराधिकारी भी माने जाते थे। आयतुल्ला खोमेनेई देश के सभी मामलों में आखिरी मध्यस्थ कहे जाते हैं। पेजेशकियान के लिए कुछ मुश्किलें भी पैदा हो सकती हैं।
मतगणना में पेजेशकियान को 16.3 मिलियन जबकि सईद जलीली को 13.5 मिलियन वोट मिले हैं। चुनाव में 30 मिलियन लोगों ने मतदान किया था। ईरानी अधिकारियों ने शुक्रवार को 49.6 फीसदी मतदान होने की बात कही थी। पेजेशकियान ईरान के नौवें राष्ट्रपति होंगे। मसूद पेजेशकियान पश्चिमी देशों के साथ संपर्क बनाए जाने के पक्षधर हैं। उनका मानना है कि प्रतिबंधों की वजह से देश की हालत खस्ता है। साल 2019 से ईरान एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट है। इससे आर्एएमएफ और अन्य वैश्विक वित्तीय संस्थाएं ईरान की आर्थिक मदद नहीं करती हैं।
ईरान में राष्ट्रपति के चुनाव में सुधारवादी नेता मसूद पेजेशकियान की जीत, कट्टरपंथी सईद जलीली की हार
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