गांधीनगर। गुजरात सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को छोड़कर राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा देने का आदेश दिया है। गुजरात सरकार के पांच लाख से अधिक कर्मचारियों में से 4 लाख से अधिक कर्मचारियों को 15 जुलाई तक ये विवरण देना अनिवार्य है। ब्योरा न देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों मंें भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर सभी कर्मचारियों के लिए वार्षिक संपत्ति रिटर्न (एपीआर) अनिवार्य कर दिया है। कर्मचारी को अपनी निजी आय के अलावा जीवनसाथी और परिवार के अन्य सदस्यों की आय का विवरण भी देना होगा। इसके अलावा खुद और परिवार के सदस्यों को विरासत में मिली संपत्ति का पूरा ब्योरा देना होगा। कर्मचारियों को नकदी, बैंक खाते, एफडी, सोने और चांदी के आभूषण, कृषि भूमि, रियल एस्टेट में निवेश सहित संपत्ति का पूरा विवरण देना होगा। गुजरात सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अतिरिक्त मुख्य सचिव कमल दयानी के हस्ताक्षर से जारी एक परिपत्र में सरकार के सभी कर्मचारियों, शीर्ष अधिकारियों से लेकर क्लर्कों तक को अपनी सभी संपत्तियों का विवरण देने का आदेश दिया गया है।
चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को छूट दी गई है, लेकिन अन्य सभी श्रेणी के कर्मचारियों को 15 जुलाई तक अपना वार्षिक संपत्ति रिटर्न (एपीआर) सरकार के पास जमा करना होगा। अभी तक केवल अखिल भारतीय कैडर में आने वाले अधिकारियों को ही वार्षिक संपत्ति रिटर्न (एपीआर) दाखिल करना होता था। जहां आईएएस, आईपीएस और आईएफएम अधिकारियों को हर साल वार्षिक संपत्ति रिटर्न (एपीआर) दाखिल करना होता है, वहीं अब अन्य कर्मचारियों को भी वार्षिक संपत्ति रिटर्न (एपीआर) दाखिल करना होगा।