नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हिन्दुओं पर दिए बयान पर भारी हंगामा मच गया। राहुल गांधी ने कहा कि जो खुद को हिन्दु कहते हैं, वह हिंसा-हिंसा करते हैं। इसे लेकर सदन में भारी हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी कुर्सी से उठकर इसे गंभीर बात बताया। पीएम ने कहा कि पूरे हिन्दु समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता ने जो कहा, उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए। इस धर्म को करोड़ों लोग गर्व से हिन्दु कहते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि मोदीजी ने अपने भाषण में एक दिन कहा था कि हिन्दुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया। इसका कारण है, हिन्दुस्तान अहिंसक देश है, यह डरता नहीं है। हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत। शिवजी कहते हैं डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल जमीन में गाड़ देते हैं। दूसरी ओर जो लोग अपने आपको हिन्दु कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत करते हैं। आप हिन्दु हो ही नहीं, हिन्दु धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए।
उधर, राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा- शोराशराबा करके इतने बड़े कृत्य को छिपाया नहीं जा सकता। विपक्ष के नेता ने कहा कि जो अपने आप को हिंदू कहते हैं, वह हिंसा करते हैं, हिंसा की बात करते हैं। इनको शायद मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग खुद को गर्व से हिंदू कहते हैं। क्या वे सभी लोग हिंसा करते हैं। हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ना और इस सदन में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने। मुझे लगता है उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए। आपातकाल में पूरे देश को इन्होंने भयभीत किया है। लाखों लोगों को जेल में डाला गया। वैचारिक आतंक कभी था तो आपका आपतकाल था।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि संविधान कहता है कि कोई भी व्यक्ति किसी धर्म को जोड़कर हिंसावादी नहीं कह सकता है। ये देश संविधान से चलता है, इनको माफी मांगनी चाहिए।