अहमदाबाद। नवसारी के सांसद और प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के कैबिनेट मंत्री की शपथ लेते ही प्रदेश भाजपा संगठन में बड़े बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। पाटिल के दिल्ली जाने के बाद राजनीतिक अटकलें शुरू हो गई हैं कि गुजरात में भाजपा की कमान किसके हाथों में सौंपी जाएगी? इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को गुजरात में अपेक्षित परिणाम नहीं मिला है। अातंरिक गुटबंदी के कारण भाजपा के हाथ से एक सीट निकल गई। इसके साथ ही पांच लाख की लीड का टारगेट भी पूरा नहीं हो पाया। गुजरात में कांग्रेस का जनाधार बढ़ने से भाजपा की चिंता और बढ़ गई है। गुजरात में लोकसभा की 26 सीटों पर विजय हासिल करके हैट्रिक लगाने का भाजपा सपना भी अधूरा रह गया। बनासकांठा सीट हारने के बाद भाजपा आलाकमान प्रदेश नेतृत्व से नाराज है। प्रधानमंत्री के शपथ लेने के बाद
गुजरात भाजपा संगठन में बड़े बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सीआर पाटिल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। अब पूरा मामला आलाकमान पर छोड़ दिया गया है। भाजपा संगठन में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर व्यापक बदलाव होने वाला है। संगठन में रहकर काम न करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
बता दें, राजकोट, मोरबी और वडोदरा की दुर्घटनाओं से सरकार और संगठन की छवि खराब हुई है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ढीले पड़ गए हैं, सरकारी अधिकारियों और संगठन के नेताओं के भ्रष्टाचार पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।