सूरत। पुलिस आयुक्त ने गणेशोत्सव को लेकर अधिसूचना जारी की है। हालांकि गणेश उत्सव आने में अभी तीन महीने का समय बाकी है। 7 सितंबर 2024 को गणेश की स्थापना होगी और 16 सितंबर को विसर्जन किया जाएगा। अधिसूचना में 9 फीट से ऊंची मूर्ति बनाने, बेचने और स्थापित करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। पुलिस का कहना है कि मूर्तिकार तीन महीने पहले से ही ऑर्डर लेकर गणेश की मूर्तियां बनाने लगते हैं। इसलिए 3 महीने पहले ही अधिसूचना जारी कर दी गई है, ताकि मूर्तिकार और आयोजक कोई बहानेबाजी न कर सकें। पीओपी और फाइबर की मूर्ति 5 फीट से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही नदी, तालाब में मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया गया है। विसर्जन के बाद आयोजक दो दिन से अधिक पंडाल भी नहीं रख सकते हैं। यानी उन्हें विसर्जन के बाद तुरंत पंडाल भी हटाने होंगे।
अधिसूचना की मुख्य बातें:-
- मिट्टी की 9 फिट से बड़ी मूर्ति बनाने, बेचने और स्थापित करने पर प्रतिबंध।
- पीओपी और फाइबर की 5 फीट से बड़ी मूर्ति बनाने, बेचने, स्थापित करने और ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- नदियों और तालाबों में मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध। नगर निगम की ओर से बनाए गए तालाब और समुद्र में मूर्तियों का विसर्जन कर सकेंगे।
- आयोजकों के लिए पास लेना अनिवार्य। अन्यथा किसी भी घाट पर विसर्जन नहीं कर सकेंगे।
- मूर्तिकार जहां मूर्तियां बना रहे हैं, वहां आसपास गंदगी नहीं होनी चाहिए। टूटी-फूटी मूर्तियों को सड़क के किनारे फेंकने पर प्रतिबंध।
- खंडित अथवा न बिकी मूर्तियों को सड़क के किनारे फेंकने पर प्रतिबंध। विक्रेता मूर्तियां न बिकने पर उसे रास्ते पर फेंक कर भाग जाते हैं, इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
- मूर्तियों में जहरीले केमिकल के प्रयोग करने पर प्रतिबंध। मूर्तिकार पानी में आसानी से घुलने वाले रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आयोजकों को मूर्ति विसर्जन के दो दिन के भीतर पंडाल हटाना होगा।