अहमदाबाद। राजकोट टीआरपी गेम जोन अग्निकांड मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को दूसरी बार सुनवाई करते हुए राजकोट निगम प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई। गुजरात हाईकोर्ट ने सिस्टम और सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि हमें सरकार और प्रशासन पर भरोसा नहीं है। जब बिना किसी मंजूरी के तीन साल से गेम जोन चल रहा था तो राजकोट नगर निगम क्या कर रही थी?’ कोर्ट ने कमिश्नर से भी तीखे सवाल किए।
हाईकोर्ट ने कहा कि हमें सरकार की मशीनरी पर भी भरोसा नहीं है। कोर्ट के आदेशों के बावजूद ऐसी घटनाएं होती हैं। आपको गेम जोन के बारे में 18 महीने तक पता नहीं था? कोर्ट ने आरएमसी(राजकोट म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन) से सवाल किया कि यह गेम जोन कब चालू हुआ? परमिशन नहीं मांगी, पर आपकी जिम्मेदारी तो थी।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। प्रदेश के सभी गेम जोन बंद करवा दिए गए हैं। सरकार इस घटना को लेकर बेहद गंभीर है और आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। छह आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है और दो को गिरफ्तार किया गया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सिस्टम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमें कमिश्नर को सस्पेंड करना था, लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। साथ ही राजकोट पुलिस कमिश्नर और अन्य निगमों को 3 जून से पहले हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। इस केस की अगली सुनवाई 6 जून को मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष होगी।