राजकोट। टीआरपी गेज जोन अग्निकांड को लेकर सियासत भी गरमाने लगी है। पक्ष और प्रतिपक्ष ने नेताओं के बयान सामने आने लगे हैं। मंत्री कुंवरजी बावलिया ने कहा कि इसे हत्याकांड नहीं, बल्कि बड़ी दुर्घटना कह सकतेे हैं। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, राज्य सरकार इस पर ध्यान देगी। अग्निकांड में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। रविवार को राजकोट के टीआरपी गेम जोन में भीषण आग लगने से 32 लोगों की मौत हो गई है।
गेम जोन अग्निकांड पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की विशेष पीठ ने अग्निकांड पर सुनवाई करते हुए इसे मानव आपदा करार दिया है। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट समेत नगर निगमों के साथ-साथ राज्य सरकार को एक दिन में गेम जोन के नियम और अग्निशमन नियमों का खुलासा करने का निर्देश दिया है। गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद में सिंधुभवन, एसपी रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेम जोन को खतरनाक बताया है।
राजकोट लोकसभा सीट के कांग्रेस उम्मीदवार परेश धानाणी ने घटनास्थल का दौरा किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए धानाणी ने कहा कि घटना अत्यंत दुखद है। गेम जोन पिछले 4 साल से चल रहा है। ऐसा सुनने में आया है कि यह बिना मंजूरी के चल रहा था। संचालकों ने नगर निगम, फायर सेफ्टी, पुलिस या मनोरंजन विभाग की मंजूरी भी नहीं ली थी। गेम जोन को लेकर सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। धानाणी ने दावा किया कि यहां शुक्रवार को भी आग की घटना सामने आई थी। उस दौरान पुलिस, फायर की टीम भी मौके पर आई थी, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। शुक्रवार को गेम जोन पर कार्रवाई की गई होती तो इतने लोगों की जान नहीं जाती।