Saturday, March 15, 2025
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आलू बिगाड़ रहा रसोई का बजट, नवंबर तक राहत की कोई उम्मीद नहीं

सूरत। आलू की लगातार बढ़ती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। थोक कीमतों में भारी उछाल से परेशानी बढ़ी है। सूरत के सरदार मार्केट में आलू की थोक कीमत 400 से 550 रुपए मन (20 किलो) है। खुदरा बाजार में आलू 30 से 35 रूपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रही है। आलू की कीमतों में अभी और उछाल आ सकता है। पिछले साल इस सीजन में आलू की थोक कीमत 250 से 350 रुपए मन थी और बाजार में औसतन 20 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रही थी। मार्च से मई तक आलू की थोक कीमतों में भारी उछाल आया है। आलू कोल्ड स्टोरेज से बाजार तक नहीं पहुंच पा रहा है। नवंबर तक कीमतों में राहत की कोई उम्मीद नहीं है। आलू के मुख्य उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में खराब मौसम के कारण उत्पादन में भारी कमी हुई है। इस साल जनवरी-फरवरी में कोहरा और बेमौसम बारिश से आलू की फसल चौपट हो गई। आलू के उत्पादन में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और बिहार की हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक है।
आलू के कुल उत्पादन का 60फीसदी कोल्ड स्टोरेज में जमा हुआ है। 15 फीसदी आलू ही बाजार में आया है और बाकी किसान बीज के रूप में इस्तेमाल करने के लिए अपने पास रोके हुए हैं। ट्रेडर्स कोल्ड स्टोर से आलू निकालकर बाजार में नहीं ला रहे हैं। आमतौर पर जुलाई-अगस्त में कोल्ड स्टोर से आलू काे निकालकर मार्केट में लाया जाता है, पर इस साल जून में ही स्टोर से आलू निकालने की जरूरत पड़ सकती है।

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