सूरत। पिछले एक सप्ताह से स्मार्ट मीटर को लेकर सोशल मीडिया में वायरल भ्रामक बातों और पुराने मीटर से अधिक बिल आने की शिकायतों का खंडन करते हुए दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी लि.(DGVCL) के प्रबंध निदेशक योगेश चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफाई दी है। एमडी चौधरी ने कहा कि स्मार्ट मीटर पुराने स्टेस्टेटिक मीटर की तरह ही हैं। स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली का दैनिक उपयोग ग्राहक और कंपनी को मिल रहा है। स्मार्ट मीटर शुरूआत में डीजीवीसीएल की काॅलोनी में रिप्लेस कराए गए हैं। प्रि-पेड स्मार्ट मीटर भी मौजूदा मीटर की तरह ही बिजली के उपयोग को दर्ज करता है। इस मीटर से बिजली के उपयोग की सही जानकारी एप्लीकेशन के जरिए रोजाना हासिल की जा सकती है। एमडी चौधरी ने कहा कि सही जानकारी न होने के कारण असमंजस की स्थिति पैदा हुई है। ग्राहक अपने पुराने मीटर के अनुसार पिछले साल की बिजली की खपत की तुलना करें तो पता चलेगा कि स्मार्ट मीटर लगाने से बिल नहीं बढ़ा है, बल्कि पहले की तरह ही मीटर काम कर रहा है। गलतफहमी के कारण बिजली कार्यालय में शिकायत करने आ रहे उपभोक्ताओं का पुराने बिजली बिल के आंकड़ों से मिलान करके भ्रम दूर किया जा रहा है।
एमडी योगेश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार की रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम(RDSS) के तहत देशभर में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश जैसे राज्यो में 1.10 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। दक्षिण गुजरात विद्युत कंपनी लि. ने अप्रैल में स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत की थी। अब तक 12,000 मीटर लगाए जा चुके हैं।
एमडी ने स्मार्ट मीटर से होने वाले फायदे के बारे में बताया
एमडी चौधरी ने कहा कि कभी-कभी मानवीय भूल के कारण ग्राहकों का बिल हजारों-लाखों में आ जाता था। स्मार्ट मीटर लगाने से यह समस्या नहीं होगी। इसमें चोरी की संभावना भी नहीं होगी। तकनीक के अधिक उपयोग से हम बेहतर ट्रैकिंग कर सकेंगे। चौधरी ने कहा कि पुराने साधारण मीटरों की तुलना में स्मार्ट मीटर अधिक सुरक्षित हैं। साधारण मीटर में रोजाना की बिजली खपत का सटीक पता नहीं चल पाता, लेकिन स्मार्ट मीटर में प्रतिदिन की बिजली खपत की जानकारी मिल जाती है। इस सिस्टम में बिजली खपत की रियल टाइम की जानकारी मिलती है।
लाेगों की समस्याएं सुनकर उसका सही निराकरण कर रहे हैं
एमडी चौधरी ने कहा कि दक्षिण गुजरात विद्युत कंपनी लि. स्मार्ट मीटर से संबंधित लोगों की समस्याएं सुनकर उसका निराकरण ला रही है। विशेष करके अधिक बिल आने के भ्रम को दूर करने के लिए औसतन बिजली की खपत की जानकारी देकर लोगों को समझाएंगे। स्मार्ट मीटर की कार्यवाही जारी रहेगी। लोगों का भरोसा हासिल करके इसे आगे बढ़ाएंगे। इसके साथ ही लाेगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएंगे। लोगों को आवश्यक जानकारी देने के साथ-साथ उनकी शिकायतें और सुझाव पर भी अमल करेंगे।
ऐसे दूर करेंगे भ्रम: 100 में से 5 घरों में पुराने मीटर लगे रहेंगे
एमडी चौधरी ने कहा कि स्मार्ट मीटर से अधिक बिल आने के भ्रम को दूर करने के लिए 100 में से 5 घरों में पुराना मीटर भी चालू रखेंगे, ताकि लोग दोनों मीटरों में अपने बिजली खपत की तुलना कर सकें। एक अन्य सुझाव पर अमल के तहत हम लोगों को पुराने बिजली मीटर से भी एक साथ बिल जमा करने की सुविधा देंगे। अभी पुराना मीटर निकालने पर जब तक मीटर नहीं हटाया जाता, बिल अलग से नहीं आता। ग्राहक जब नए स्मार्ट मीटर में रिचार्ज कराएंगे तो यह रकम थोड़ी-थोड़ी करके काट ली जाएगी, ताकि लोगों को एक साथ पैसे न भरने पड़ेंं। एमडी ने कहा कि इसके कारण लोगों में गलतफहमी हो गई कि स्मार्ट मीटर में ज्यादा बिल आ रहा है।
साेसाइटी में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद 3 से 4 दिन तक डीजीवीसीएल के कर्मचारी मौजूद रहेंगे, ताकि कोई भी समस्या हो तो उसका तत्काल निराकरण किया जा सके। इसके अलावा लोगों को मीटर के बारे में सही जानकारी दी जा सके। एमडी चौधरी ने कहा कि सूरत शहर और देहात में 35 लाख उपभोक्ता हैं। अगले डेढ़ साल में खेती और अस्थायी बिजली ग्राहकों को छोड़कर करीबन 17 से 18 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है।