अहमदाबाद। नाफेड के चुनाव में भाजपा के पूर्व सांसद मोहन कुंडारिया को निर्विरोध चुना गया है। अमरत देसाई, महेश पटेल, जशवंत पटेल, मगन वडाविया ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। निर्विरोध चुने जाने के बाद मोहन कुंडारिया ने कहा कि मुझे मौका देने के लिए पार्टी का आभारी हूं।
साल 1958 में स्थापित और पिछले साल 21,414 करोड़ का टर्न ओवर और 264 करोड़ का मुनाफा करने वाली देश की एक और अग्रणी सहकारी संस्थान नेशनल एग्रीकल्चर को-आॅपरेटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (नाफेड) की आगामी 21 मई को एक विशेष आम बैठक और चुनाव होने वाला था। चुनाव को लेकर भाजपा में सियासत गरमाने लगी थी, पर दूसरे उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने से पूरा मामला शांत हो गया है।
राजकोट लोकसभा सीट से जिसका टिकट कटा वे मोहन कुंडारिया, गांधीनगर के जेठा भरवाड़, आणंद के तेजस पटेल, बनासकांठा के अमृत देसाई, कपड़वंज के जसवंत पटेल, मोरबी के मगन वडाविया और हिम्मतनगर के महेशभाई ने उम्मीदवारी की थी। 15 मई को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन था। भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक मेंडेड नहीं दिया गया था। आखिरी दिन दूसरे उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने के बाद राजकोट के पूर्व सांसद मोहन कुंडारिया को डायरेक्टर पद पर निर्विरोध चुन लिया गया है।
बता दें, कुछ दिन पहले इफ़को के डायरेक्टर पद के चुनाव में सौराष्ट्र के सहकारी नेता जयेश रादडिया की विजय हुई थी। जयेश रादडिया ने भाजपा के अाधिकारिक उम्मीदवार को हराकर भव्य विजय हासिल की थी। जयेश रादडिया को 180 में 114 वोट मिले थे, जबकि बिपिन पटेल को 66 वोट मिले। गुजरात सीट पर जयेश रादडिया इफ़को के डायरेक्टर चुने गए हैं। जयेश रादडिया राजकोट की जेतपुर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक और राजकोट जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन हैं। इस चुनाव पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भी नजर थी।