प्रयागराज। संगम में अगले साल होने महाकुंभ की तैयारी शुरू कर दी गई है। साधु-सन्यासी भी अपनी व्यवस्था में जुट गए हैं। महामंडलेश्वर की पदवी के लिए सन्यासी अखाड़ों के चक्कर लगाने लगे हैं, लेकिन इसमें से अधिकांश मानक को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। श्री निरंजनी अखाड़ा ने 145 में से 130 सन्यासियों केा महामंडलेश्वर बनाने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि उनके पास पर्याप्त शैक्षणिक योग्यता नहीं थी। इसके अलावा संगठनात्मक गुण और मंदिर या विद्यालय के मानकों को भी पूरा नहीं कर पा रहे थे। महामंडलेश्वर का पद अत्यंत सम्माननीय होता है। इसलिए अधिकांश सन्यासी महामंडलेश्वर की पदवी पाना चाहते हैं। प्रयागराज में 2025 में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है।