वडोदरा। महिला पुलिस थाने में महिलाओं के घरेलू विवाद का निपटारा करने वाली महिला असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर 2020 में रिटायर्ड हो गई थी। महिला एएसआई पिछले छह माह से सयाजी अस्पताल के सामने पंचमुखी हनुमानजी मंदिर के बाहर भीख मांग रही थी और रेलवे स्टेशन पर रहती थी। महिला एएसआई को भीख मांगते हुए देखकर पुलिस भी चौंक गई।
वडोदरा के पुलिस आयुक्त अनुपमसिंह गहलोत पंचमुखी हनुमान मंदिर में दर्शन करने गए थे। इस दौरान उन्हें पता चला कि भिखारियों के बीच बैठी महिला रिटायर्ड एएसआई है। वह ग्रामीण इलाके में ड्यूटी करती थी। पुलिस कमिश्नर ने तुरंत डीएसपी रोहन आनंद को एएसआई की मदद करने की सूचना दी। डीएसपी ने जिले की शी टीम को एएसआई को लेने के लिए भेजा। भिखारियों के बीच बैठकर भीख मांगने वाली रिटायर्ड एएसआई नीरूबेन परमार कुबेरभवन महिला पुलिस थाने में ड्यूटी करती थी। वह 31 अगस्त, 2020 में रिटायर्ड हो गई थी। शी टीम ने नीरूबेन की खोजबीन शुरू की तो वह रेलवे स्टेशन पर मिली। शी टीम नीरूबेन को महिला पुलिस थाने ले गई। प्राथमिक पूछताछ से पता चला कि वह पिछले छह माह से इधर-उधर भटक रही है और भीख मांग रही है। नीरूबेन की शादी सावली तहसील के गोठडा गांव में रहने वाले डाह्या परमार से हुई थी। उसका पति अभी भी जिंदा है। नीरूबेन को कोई संतान नहीं है। पति दिहाड़ी मजदूरी करता है। नीरूबेन को यह भी पता नहीं है कि उसका पति कहां है। शी टीम ने नीरूबेन के भाई-भाभी को थाने में बुलाया, पर नीरूबेन ने उनके साथ जाने से इनकार कर दिया।
नीरूबेन को यह आशंका थी कि उसकी पेंशन किसी ने रोक दी है, पति उसे ठीक से नहीं रखता है। शी टीम ने सयाजी अस्पताल में नीरूबेन का इलाज कराया। स्वास्थ्य ठीक होने के बाद नारी संरक्षण गृह में भेज दिया गया है। प्राथमिक जांच में चला है कि पेंशन की कागजी कार्रवाई पूरी हो गई है, हालांकि अभी तक पेंशन शुरू नहीं हुई है। बैंक में अकाउंट की जांच करने पर पता चला कि उसमें अच्छा बैलेंस है।