नई दिल्ली। श्रीलंका ने हम्बनटोटा में मटाला राजपक्षे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रबंधन की जिम्मेदारी भारत और रूस की कंपनी को सौंप दी है। इस एयरपोर्ट का निर्माण चीन ने किया था। श्रीलंका सरकार की कैबिनेट से शुक्रवार को यह फैसला लिया है। इस निर्णय से चीन को बड़ा झटका लगा है। इस एयरपोर्ट का निर्माण 209 मिलियन अमेरिकन डॉलर से किया गया है। हम्बनटोटा बंदरगाह को चीन ने श्रीलंका से 99 सालों के लिए लीज पर लिया हुआ है।
श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता और मंत्री बंधुला गुणवर्धने बताया कि कैबिनेट ने 9 जनवरी को टेंडर की मंजूरी दी थी। इसके बाद 5 आवेदन आए थे। कैबिनेट की ओर से नियुक्त सलाहकार समिति ने भारत की शौर्य एयरोनॉटिक्स (प्राइवेट) लिमिटेड और रूस की कंपनी रीजन्स मैनेजमेंट कंपनी को 30 वर्षों के लिए सौंप दिया है। गुणवर्धने ने कहा कि कैबिनेट ने नागरिक उड्डयन और हवाईअड्डा सेवा मंत्री द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मटाला राजपक्षे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण साल 2013 में हुआ था। इस प्रोजेक्ट के लिए चीन ने ऊंची दर पर लोन दिया था। इस पर कुल 209 अमेरिकन मिलियन डॉलर खर्च हुए हैं, जिसमें से 109 अमेरिकन मिलियन डॉलन चीन की एक्सिम बैंक ने लोन दिया है। श्रीलंका की सरकार 2016 से एयरपोर्ट के संचालन के लिए एक पार्टनर की तलाश कर रहा था। इस एयरपोर्ट से श्रीलंका को भारी नुकसान हो रहा था। यहां यात्रियों की संख्या कम होने के कारण फ्लाइट भी लगातार घट रही हैं। पर्यावरण की लिहाज से भी इस एयरपोर्ट को संवेदनशील माना जाता है।
चीन ने करोड़ों रुपए खर्च करके जिस एयरपोर्ट को बनवाया, श्रीलंका ने उसका संचालन भारत को सौंप दिया
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