नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार ने प्रदेश के मुसलमानों को आरक्षण का लाभ देने के लिए पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल किया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने यह जानकारी दी है। एनसीबीसी ने बुधवार, 24 अप्रैल को कर्नाटक सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए पुष्टि की।
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा कि कर्नाटक सरकार के आंकड़ों के अनुसार कर्नाटक के मुसलमानों की सभी जातियों और समुदायों को राज्य सरकार के तहत रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए ओबीसी की सूची में शामिल किया गया है। श्रेणी II-बी के तहत, कर्नाटक राज्य के सभी मुसलमानों को ओबीसी माना गया है।
एनसीबीसी की प्रेस विज्ञप्ति में ये कहा गया
एनसीबीसी के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर के मुताबिक कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण के लिए कर्नाटक के सभी मुसलमानों को ओबीसी की राज्य सूची में शामिल किया गया है। कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को लिखित रूप से अवगत कराया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति हैं और न धर्म। कर्नाटक राज्य में मुस्लिम आबादी 12.92 प्रतिशत है। कर्नाटक में मुस्लिमों को धार्मिक अल्पसंख्यक माना जाता है। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, कर्नाटक राज्य में मुस्लिम की जनसंख्या 12.32 प्रतिशत है।
इन मुस्लिम समुदायों को श्रेणी-1 में ओबीसी माना गया
जिन 17 मुस्लिम समुदायों को श्रेणी 1 में ओबीसी माना गया उनमें नदाफ, पिंजर, दरवेश, छप्परबंद, कसाब, फुलमाली (मुस्लिम), नालबंद, कसाई, अथारी, शिक्कालिगारा, सिक्कालिगर, सालाबंद, लदाफ, थिकानगर, बाजीगारा, जोहारी और पिंजारी शामिल हैं।