अयोध्या। बुधवार काे रामनवमी के पावन अवसर पर दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर रामलला का सूर्याभिषेक हुआ। श्रीराम मंदिर में विराजमान रामलला का ललाट सूर्य की किरणों से जगमग हो गया। सूर्य की किरणें लगातार पांच मिनट तक रामलला के मस्तिष्क पर प्रकाशमान होती रहीं। मंत्रोच्चार के बीच मंदिर का नजारा बेहद अद्भुत रहा। रामनवमी के पावर अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।
रामनवमी के अवसर पर रामलला को विशेष रूप से तैयार किया गया था। उन्हें पीले रंग का विशेष परिधान पहनाया गया था। रामलला की मूर्ति को दिव्य आभूषणों से सजाया गया।
मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि दिन के हिसाब से रामलला को अलग-अलग रंग के परिधान पहनाए जाते हैं। इसमें सोमवार को सफेद, मंगलवार काे गुलाबी, बुधवार को हरे, गुरुवार को पीले, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीले और रविवार को लाल रंग के परिधान पहनाए जाते हैं। इसके साथ ही रामलला को छप्पन भोग लगाए जाते हैं। इसे बाद में भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
रामनवमी पर भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुबह 3:30 बजे मंदिर के कपाट दर्शन करने के लिए खोल दिए गए थे। इस दौरान विशेष व्यवस्था की गई। दूर-दूर से आए श्रद्धालु रात 11:00 बजे तक रामलला का दर्शन कर सकेंगे। भक्त बुधवार को सुबह से ही मंदिर में पहुंचने लगे थे। रामनवमी के पावन अवसर पर सरयू नदी के किनारे भक्तों की भारी भीड़ रही। श्रद्धालु सरयू में डुबकी लगाने के बाद रामलला का दर्शन किए।

