जौनपुर से दीपक तिवारी की खास रिपोर्ट:
महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और चार दशक तक कांग्रेस में रहकर सियासत करने वाले कृपाशंकर सिंह भाजपा के टिकट पर जौनपुर में लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। कृपाशंकर सिंह महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ-साथ एमएलसी, एमएलए, राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। राजनीतिक उठापटक के चलते कृपाशंकर सिंह 2019 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को जौनपुर से मैदान में उतारा है।
हालांकि कृपाशंकर सिंह के लिए लोकसभा चुनाव की डगर आसान नहीं है। समाजवादी पार्टी ने उनके खिलाफ पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने भी बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को टिकट दिया है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जौनपुर में इस बार दिलचस्प और त्रिकोणीय मुकाबला होगा।
बाहुबली धनंजय सिंह जेल में हैं और उनकी पत्नी श्रीकला बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। श्रीकला मौजूदा समय में जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। उधर, राजनीति के महारथी कृपाशंकर सिंह के समर्थकों ने चुनाव में पूरी ताकत झांक दी है। बाबू सिंह कुशवाहा भी पीछे नहीं हैं।
मुंबई की सड़कों पर आलू-प्याज भी बेच चुके हैं कृपाशंकर सिंह
भाजपा उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह जौनपुर के मूल निवासी हैं। वह एक साधारण परिवार से निकल कर महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा चेहरा बने थे। कृपाशंकर सिंह 2004 में कांग्रेस सरकार में गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी थे।
कृपाशंकर सिंह 1971 में नौकरी की तलाश में जौनपुर से मुंबई गए थे। वहां शांताक्रुज इलाके में एक झुग्गी बस्ती में रहकर एक दवा कंपनी में काम करते थे। उन्हें दवा कंपनी से रोजाना 8 रुपए मिलते थे। इतने रुपए से परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पाता था, इसलिए वह मुंबई की सड़कों पर घूमकर आलू-प्याज बेचते थे। इतने संकटों के बावजूद कंपाशंकर सिंह ने हार नहीं मानी और मजबूरियों से लड़कर आम से खास बन गए। कृपाशंकर सिंह 90 के दशक में कांग्रेस पार्टी के महासचिव बने। एमएलसी बनने के बाद वह कांग्रेस से विधायक चुने गए। मुंबई की उत्तर भारतीय राजनीति में कृपाशंकर सिंह एक जाना-पहचाना चेहरा है।