अडानी ग्रुप आने वाले दिनों में करीब 2.3 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने जा रहा है। अडाणी समूह इस पैसे को नवीकरणीय ऊर्जा के उभरते क्षेत्रों और सौर एवं पवन विनिर्माण क्षेत्रों में निवेश करने की योजना बना रहा है। अडानी ग्रुप की योजना के तहत साल 2030 तक निवेश किया जाएगा। आपको बता दें कि गुजरात के कच्छ के खावरा में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा से बिजली उत्पादन क्षमता को 2 गीगावॉट से 30 गीगावॉट तक बढ़ाने की योजना है।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अडानी एंटरप्राइजेज की इकाई अडानी न्यू इंडस्ट्रीज देश के विभिन्न स्थानों पर 6 से 7 गीगावॉट की इसी तरह की परियोजनाओं पर लगभग 50,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। अडानी न्यू इंडस्ट्रीज गुजरात के मुंद्रा में सौर सेल और पवन टर्बाइन विनिर्माण क्षमता के विस्तार में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है।
अदानी ग्रीन एनर्जी की वर्तमान में क्षमता 10,934 मेगावाट (10.93 गीगावॉट) है। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 45 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करना है। उस क्षमता का 30 गीगावॉट खावरा से आएगा, जो दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना है।
कंपनी के एमडी विनीत जैन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हमने खावड़ा में 2,000 मेगावाट (2 गीगावॉट) क्षमता का प्लांट चालू किया है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में क्षमता 4 गीगावॉट और उसके बाद हर साल 5 गीगावॉट बढ़ाई जाएगी। विनीत जैन ने बताया कि खावरा प्लांट करीब 538 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पेरिस से भी लगभग 5 गुना बड़ा है। जब यह अपनी चरम उत्पादन क्षमता पर पहुंच जाएगा, तो यह 81 अरब यूनिट बिजली पैदा करेगा।
यह इतनी बिजली है कि यह अकेले ही बेल्जियम, चिली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकती है। खावड़ा के अलावा अडानी ग्रुप राजस्थान और तमिलनाडु में भी इसी तरह के प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है।