सूरत। महिलाओं ने वराछा में हीरा बाग के पास पंचमुखी हनुमान मंदिर में दशामाता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। शुक्रवार को सुबह महिलाओं ने मंदिर परिसर में पीपल की परिक्रमा औश्र हवन करने के बाद दशामाता की कथा सुनी। इस दौरान भारी संख्या में व्रत करने वाली महिलाएं पूजा-सामग्री के साथ मंदिर में मौजूद रहीं।
चैत्र मात्र के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को दशा माता की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि दशा माता की पूजा अर्चना और व्रत करने से घर की दिशा दशा में सुधार आता है और दरिद्रता का अंत होता है। इस दिन महिलाएं कच्चे सूत का 10 तार का डोरा बनाकर उसमें 10 गठाने लगाती हैं और फिर उसे लेकर पीपल के वृक्ष की पूजा अर्चना करती हैं। इस व्रत में डोरे का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह दशा माता का डोरा कहलाता है, जिसे महिलाएं साल भर तक गले में धारण करती हैं।