सूरत। अडाजण के शंखेश्वर कॉम्प्लेक्स में एक ही परिवार के 7 लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने इस मामले में इंद्रपाल शर्मा को गिरफ्तार किया था। इंद्रपाल शर्मा ने रिहाई के लिए हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इंद्रपाल को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। 28 अक्टूबर 2023 को मनीष सोलंकी ने पत्नी, बच्चों समेत परिवार के 7 लोगों की जहर देकर हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने 2 नवंबर 2023 को मृतक मनीष सोलंकी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। मौके से मिले सुसाइड नोट में इंद्रपाल पर उकसाने का जिक्र किया गया था। पुलिस ने 8 नवंबर को
आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में इंद्रपाल शर्मा को गिरफ्तार किया था। इंद्रपाल ने जेल से छूटने के लिए वकील कमलेश एन रावल और सूरज शुक्ला के जरिए हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। पुलिस ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में मनीष सोलंकी के बैंक लोन का भी उल्लेख किया था। इसके साथ ही बैंक ने मनीष सोलंकी के 1.25 करोड़ के बैंक लोन को रिजेक्ट कर दिया था। मृतक मनीष सोलंकी ने एजेंट से पूछा था कि लोन लेने के बाद आत्महत्या कर लें तो बैंक क्या करेगा? बचाव पक्ष के दोनों वकीलों ने पुलिस की चार्ज सीट और सुसाइट नोट को मुद्दा बनाकर हाईकोर्ट में बहस की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 15 हजार के पर्सनल बांड पर इंद्रपाल शर्मा को सशर्त जमानत दी है।
ये हैं जमानत की शर्तें
- जमानत का गलत इस्तेमाल नहीं करेगा।
- केस से जुड़े किसी भी व्यक्ति को हानि नहीं पहुंचाएगा।
- निचली अदालत में एक हफ्ते के भीतर पासपोर्ट जमा करना होगा।
- अदालत की मंजूरी के बिना गुजरात से बाहर जाने पर रोक।
- छह माह पर थाने में हाजिरी देनी होगी।