नई दिल्ली। सशस्त्र संघर्ष से जूझ रहे अफ्रीकी देश कांगो में शांति स्थापित करने के लिए भारत ने बीएसएफ की एक टीम भेजने का फैसला किया है। सोमवार को बीएसएफ की एक टीम वहां के लिए रवाना हो गई। दरअसल, कांगो में भीषण सशस्त्र संघर्ष चल रहा है, जिसे रोकने और शांति स्थापित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
बीएसएफ ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत 160 बीएसएफ जवानों की एक टीम कांगो भेजने का फैसला किया है। इस टीम में 25 महिला जवान भी शामिल हैं। ये सभी जवान कांगो में शांति बनाए रखने के लिए काम करेंगे। पिछले कुछ समय से कांगो में विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई है, जिसके कारण लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। शांति मिशन के लिए 160 जवानों की टीम के कांगो पहुंचने से पहले बीएसएफ के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने टीम से मुलाकात की।
कांगो में भयावह स्थिति, रोजाना हो रही हिंसा के कारण कई लोग विस्थापित हुए कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य अफ्रीका का तीसरा सबसे बड़ा देश है, जिसकी सीमा युगांडा, रवांडा और बुरुंडी से लगती है। इस देश में आंतरिक विद्रोह चल रहा है, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र देश की निगरानी कर रहा है। इस देश में पैदा हुए मौजूदा संकट मानवीय संकटों में से एक हैं। कांगो के सशस्त्र बलों और विद्रोही समूहों के बीच दशकों से संघर्ष चल रहा है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है। यहां आए दिन हिंसा की कई घटनाएं होती रहती हैं, जिसके कारण यहां मानवीय जरूरतों और सुरक्षा को भी खतरा बढ़ता जा रहा है। वहां के भयावह हालात के कारण 7.3 मिलियन लोग अपनी जान बचाने के लिए अपना घर छोड़कर दूसरी जगहों पर जाने को मजबूर हुए हैं। इतना ही नहीं, 86,000 से अधिक लोग पड़ोसी देशों में भागने को मजबूर हुए हैं।