Friday, May 2, 2025
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भारत की कार्रवाई से डरे पाकिस्तान ने ट्रंप से मांगी मदद, कहा- हम किसी बड़े देश से युद्ध नहीं करना चाहते

वाशिंगटन। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दुनियाभर में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। भारत द्वारा कभी भी हमला किए जाने के डर से पाकिस्तान ने रूस के बाद अब अमेरिका से मदद की गुहार लगाई है। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिजवान सईद शेख ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद की अपील की है। इससे पहले जब पाकिस्तान ने रूस से संपर्क किया था तो रूस ने साफ तौर पर भारत के साथ बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने की सलाह दी थी। पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि जिस तरह राष्ट्रपति ट्रंप यूरोप और मध्य पूर्व में संघर्षों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, उसी तरह दक्षिण एशिया में भी शांति स्थापित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
पाकिस्तानी राजदूत ने इस बात पर जोर दिया कि ट्रम्प प्रशासन को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव समाप्त करने के लिए पिछले अमेरिकी प्रयासों की तुलना में अधिक गंभीर और निरंतर प्रयास करने होंगे। मेरा मानना ​​है कि वर्तमान स्थिति को तत्काल संघर्ष समाधान तक सीमित रखने के बजाय स्थायी समाधान की ओर बढ़ने का अवसर है।
रिजवान सईद शेख ने कश्मीर के बारे में कहा कि जब तक भारत और पाकिस्तान के बीच अंतिम समझौता नहीं हो जाता और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार कोई समझौता लागू नहीं हो जाता, तब तक इस मुद्दे पर लगातार विवाद होते रहेंगे। उन्होंने अमेरिका समेत दुनिया भर के देशों से कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है, ताकि इस मुद्दे का समाधान हो सके और क्षेत्र में शांति स्थापित हो सके।
उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते, विशेषकर किसी बड़े देश के साथ। शांति हमारी आर्थिक प्रगति और हमारी राष्ट्रीय विचारधारा के पक्ष में है। उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी। इस तरह के हमले से पाकिस्तान के हितों को नुकसान ही होगा, इससे कोई फायदा नहीं होगा। इसमें पाकिस्तान को जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उनके (भारत) पास आरोप साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के संबंध में पाकिस्तानी राजदूत ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पानी रोकने का कोई प्रयास किया गया या ऐसी कोई कार्रवाई देखी गई तो इसे पाकिस्तान के लिए युद्ध की घोषणा माना जाएगा। व्यावहारिक रूप से पानी रोकना कठिन है, लेकिन यदि 25 करोड़ लोगों की सुरक्षा का मामला सामने आए तो किसी भी प्रकार की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

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