गांधीनगर। गुजरात के पेंशनभोगियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। पेंशनभोगियों, विशेषकर बुजुर्ग पेंशनभोगियों को आवागमन में होने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने जीवन प्रमाण पत्र सत्यापन की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। वर्तमान प्रक्रिया के अनुसार राज्य के पेंशनरों को जीवित होने के सत्यापन के लिए संबंधित कार्यालय या बैंक में जाना पड़ता है। जिसमें बुजुर्ग पेंशनभोगियों को शारीरिक विकलांगता के कारण अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार अब पेंशनभोगियों को उनके घर पर ही निःशुल्क जीवित सत्यापन सेवा उपलब्ध कराएगी।
गुजरात सरकार ने इसके अस्तित्व की पुष्टि के लिए भारतीय डाक विभाग के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सेवा राज्य डाकघर/भारतीय डाक भुगतान बैंक के माध्यम से पेंशनभोगियों को उपलब्ध होगी। इस सेवा के अंतर्गत पेंशनभोगियों की आजीविका का सत्यापन उनके घर जाकर पूरी तरह निःशुल्क किया जाएगा। यह सेवा पेंशनभोगियों की सहायता के लिए एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में क्रियान्वित की गई है। वर्तमान अस्तित्व को सत्यापित करने के अन्य विकल्प हमेशा की तरह जारी रहेंगे।
गुजरात सरकार द्वारा राज्य के पेंशनरों से प्राप्त अभ्यावेदनों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से राज्य के पांच लाख से अधिक पेंशनर्स को इस सेवा का लाभ मिलेगा।