ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। फेफड़ों की बीमारी के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पोप फ्रांसिस निमोनिया से पीड़ित थे। उन्होंने वेटिकन सिटी में अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु से कैथोलिक समुदाय में शोक है। पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। पोप फ्रांसिस जेसुइट संप्रदाय के पहले पोप थे। वह 8वीं शताब्दी के बाद यूरोप के बाहर से आये पहले पोप थे। ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में जन्मे जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो को 1969 में कैथोलिक पादरी के रूप में नियुक्त किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट कर लिखा- पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुःख की इस घड़ी में विश्व भर के कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे।
पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन, वेटिकन सिटी में ली अंतिम सांस
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