इजरायली सेना के 1000 वायु सेना रिजर्व सैनिकों ने गाजा युद्ध के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। इजरायल की नेतन्याहू सरकार ने इस विद्रोह का कड़ा जवाब दिया और उनके खिलाफ कार्रवाई की है। विरोध करने वाले सभी 1000 सैनिकों को वायुसेना से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है। इन सैनिकों ने सरकार को पत्र लिखकर गाजा के साथ युद्ध का विरोध करते हुए कहा कि सरकार राजनीतिक लाभ के लिए यह युद्ध लड़ रही है। उनका उद्देश्य बंधकों को घर वापस लाना नहीं है।
इजरायली सेना के विरोध के बारे में एक इजरायली सैन्य अधिकारी ने कहा कि सेना के भीतर मतभेद स्वीकार्य नहीं हैं। यह ऐसा समय है जब सभी सैनिकों को एक साथ मिलकर लड़ना होगा। सहयोग करने के बजाय सवाल उठाना और विरोध करना सही नहीं है। ऐसा करने से सैनिकों का मनोबल टूटता है।
नेतन्याहू सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ 1000 सैनिकों ने बयान जारी कर कहा है कि हमने भी फैसला किया है, हमारा कोई भी सैनिक अब सेना में सेवा नहीं करना चाहता। इजरायली वायु सेना के 1,000 रिजर्व सैनिकों और सेवानिवृत्त सैनिकों ने युद्ध का विरोध करते हुए एक पत्र पर हस्ताक्षर किये। इसके अलावा, ड्यूटी पर तैनात सैनिकों ने भी इस्तीफा दे दिया। इस पत्र में मांग की गई थी कि हमास द्वारा बंधक बनाये गये हमारे लोगों को तुरंत वापस लौटाया जाए। भले ही इसके बदले में युद्ध समाप्त करना पड़े।
इजरायली सेना अब बेंजामिन नेतन्याहू सरकार पर सवाल उठा रही है। इजरायली सेना के अनुसार, हमास ने वर्तमान में 59 लोगों को बंधक बना रखा है और उनमें से लगभग आधे की मौत हो चुकी है। इजरायली नाकेबंदी के कारण पिछले कई हफ्तों से गाजा में राशन और दवाइयों सहित कई आवश्यक वस्तुओं की पहुंच मुश्किल हो गई है। इजराइल वर्तमान में गाजा के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर चुका है और उसने वहां एक नया सुरक्षा गलियारा भी स्थापित किया है।
गाजा पर हमले के बीच 1000 इजरायली सैनिकों का विद्रोह, नेतन्याहू सरकार ने शुरू की कार्रवाई
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