नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दे रहे हैं। यह नियम है कि विपक्ष के नेता को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन जब भी मैं बोलने के लिए खड़ा होता हूं तो वे मुझे बोलने नहीं देते। मुझे नहीं मालूम कि यह सदन कैसे चल रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि यहां हमें वह कहने की इजाजत नहीं है जो हम कहना चाहते हैं। मैंने कुछ नहीं किया, मैं बिल्कुल शांत बैठा रहा। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष के लिए जगह होती है, लेकिन यहां विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं है। यहां केवल सरकार के लिए जगह है। उस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ मेले के बारे में बात की, जिसमें मैं अपनी बात जोड़ना चाहता था। मैं बेरोजगारी के मुद्दे पर कुछ कहना चाहता था लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया गया।
ऐसी भी खबरें हैं कि लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को उनके आचरण के बारे में सलाह दी है। दरअसल, दो दिन पहले राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। इस पर वक्ता की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। इसके बाद कांग्रेस सांसदों ने सदन में कहा कि जब पीएम सदन में आते हैं तो सभी बीजेपी सांसद खड़े हो जाते हैं, ये सदन का अपमान है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आपसे सदन में आचरण और शिष्टाचार के उच्च मानदंड बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। मेरे दिमाग में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां सांसदों का आचरण सदन के शिष्टाचार और परंपराओं के उच्च मानकों के अनुरूप नहीं था। पिता, पुत्री, माता, पत्नी और पति इस सदन के सदस्य रहे हैं। अतः इस संदर्भ में मैं विपक्ष के नेता से अपेक्षा करता हूं कि वे नियमों के अनुसार आचरण करें। विशेष रूप से विपक्ष के नेता से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपना आचरण बनाए रखें।