अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा के बजट सत्र में राज्य में उपभोक्ताओं को दी जा रही बिजली कटौती के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री कनु देसाई ने कहा कि राज्य में वर्ष 2024 के दौरान दो बार बिजली की दरें कम करके उपभोक्ताओं को 2004 करोड़ रुपए की राहत दी गई है। गुजरात विद्युत विनियामक आयोग हर तीन महीने में राज्य में उत्पादित बिजली की मात्रा के आधार पर होने वाले व्यय की गणना करता है और उसके अनुसार ईंधन शुल्क तय करता है।
सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में गुजरात पूरे देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में शीर्ष पर है। पिछले तीन वर्षों में राज्य की कुल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 15,400 मेगावाट से बढ़कर 32,924 मेगावाट हो गई है।
कनुभाई देसाई ने कहा कि देश 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से 500 गीगावाट बिजली पैदा करने की योजना बना रहा है। जिसमें गुजरात ने 100 गीगावाट अक्षय बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी रखा है।
वर्ष 2024-25 के दौरान बिजली की दरों में दो बार कमी की गई है। 1 जनवरी 2024 से 50 पैसे प्रति यूनिट की कटौती, जबकि 1 अक्टूबर 2024 से 40 पैसे की दो कटौतियों से बिजली उपभोक्ता कुल 12 रुपये प्रति यूनिट बचा सकेंगे। औसतन 2004 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई है। यह कटौती विद्युत नियामक आयोग की अगली समीक्षा तक राज्य के 1.5 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं पर लागू रहेगी।
ऊर्जा मंत्री ने प्रदेश में बीपीएल कार्ड धारकों को बिजली बिल की दरों में दी गई राहत के बारे में बताया कि बीपीएल कार्ड धारकों के लिए बिजली की दरें अन्य आवासीय क्षेत्रों के बिजली उपभोक्ताओं की तुलना में कम हैं। आवासीय ग्राहकों के लिए निर्धारित शुल्क रु. 15 से 70 रुपये, जबकि बीपीएल कार्डधारकों के लिए निर्धारित शुल्क 5 रुपये है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में प्रथम 50 यूनिट का चार्ज 2.65 रुपये, जबकि शहरी क्षेत्रों में पहले 50 इकाइयों 3.05 रुपये की तुलना में बीपीएल कार्डधारकों के लिए बिजली का शुल्क 50 यूनिट पर 1.50 है।