भरूच। पूरी दुनिया में नर्मदा एकमात्र ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा होती है। गुजरात में नर्मदा को गंगा के समान पवित्र माना जाता है। नर्मदा माता का 26वां नर्मदा महोत्सव 8 फरवरी को शुरू हो रहा है। यह 16 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान होंगे। श्रीश्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी अलखगिरी महराज की देखरेख में नर्मदा जयंती महोत्सव की शुरुआत की गई है। नर्मदा महोत्सव में लोगों से उपस्थित होने की अपील की गई है। इस दौरान 14 फरवरी तक दोपहर से 3 से 6 बजे कथा का भव्य आयोजन किया गया है। गुरुवार को दोपहर 3:00 बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी। सभी कार्यक्रम विश्व गायत्री ब्रह्मपीठ अलखधाम, नर्मदा नदी के किनारे झाडेश्वर में आयोजित होंगे। इसका संचालन महामंडलेश्वर माता शिवानंदगिरी, महंत स्वामी जैमिनीगिरी और महंत स्वामी पुलस्यगिरी करेंगे। इस दौरान प्रदेशभर से भारी संख्या में श्रद्धालु मां नर्मदा का दर्शन करने आएंगे। 15 फरवरी को गायत्री महायज्ञ, संतवाणी को और डायरा(लोकगीत) का आयोजन किया गया है। 16 फरवरी को महोत्सव की पूर्णाहुति होगी। शाम को 4:00 बजे सवा लाख दीप जलाकर मां नर्मदा की महाआरती होगी। इस दौरान महाप्रसाद का भी आयोजन किया गया है।नई दिल्ली।