Friday, March 14, 2025
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पालेज में गुजरात का सबसे बड़ा होलिका दहन, आग की लौ की दिशा से मानसून अच्छा रहने की उम्मीद

अहमदाबाद। गुजरात की सबसे बड़ी होली गांधीनगर के पालेज में जलाई गई। इसकी ऊंचाई लगभग 35 फीट है। महाकाली की पूजा के साथ होली जलाई गई। हजारों लोग होली देखने आये। 700 साल पुरानी परंपरा के अनुसार राज्य की सबसे बड़ी होली आज, गुरुवार, 13 मार्च, 2025 को गांधीनगर के पालज गांव में मनाई गई। होली देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी पुलिस सुरक्षा भी तैनात की गई थी। यहां 35 फुट ऊंची होली जलाई गई। आग की लपटें 100 फीट ऊंची उठीं, जिससे एक अलौकिक दृश्य उत्पन्न हो गया। आग की लौ से इस साल मानसून अच्छा रहने का अनुमान लगाया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में महाकाली माता का मंदिर है, माता के प्रति आस्था के कारण भक्त जलते अंगारों पर चलते हैं, लेकिन आज तक एक भी भक्त घायल या जला नहीं है। होली जलाने के बाद महाकाली मंदिर के पुजारी और फिर ग्रामीण अंगारों पर चलते हैं। 7,000 की आबादी वाले इस गांव में लड्डू बनाकर होली मनाई जाती है।
होली की तैयारियां दस से पंद्रह दिन पहले शुरू हो जाती हैं। गांव के युवा 200 से 300 टन लकड़ियां इकट्ठा करते हैं और गांव की वेदी पर 35 फुट ऊंचा होली का दीपक जलाने की व्यवस्था करते हैं। इतना ही नहीं, गांव के करीब 80 युवा 15 दिन पहले से ही लकड़ियां खोजकर इकट्ठा कर लेते हैं। होली जलाने के लिए ग्रामीण आम, आम और चावल की माला बनाकर जलाते हैं। होली के बाद लोग मंदिर की सात बार परिक्रमा करते हैं। सबसे पहले अंगारों पर चलने वाले महाकाली माताजी के पुजारी हैं। भक्तगण जय महाकाली का नारा लगाते हुए उनके पीछे चलते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसकी गर्मी लेने से शरीर को साल भर कोई बीमारी या सामान्य बुखार भी नहीं होता।

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