लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दावे का खंडन किया है कि महाकुंभ में संगम का पानी पीने योग्य नहीं है। उन्होंने दावा किया है कि संगम का पानी न केवल स्नान के लिए बल्कि पीने के लिए भी उपयुक्त है। सीपीसीबी की रिपोर्ट को महाकुंभ को बदनाम करने की विपक्ष की साजिश भी बताया गया है।
कल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए घोषणा की कि संगम का पानी नहाने लायक भी नहीं है। इसमें फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ गई है। हालांकि, सीएम योगी ने इस रिपोर्ट को झूठा करार देते हुए आज कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ झूठे वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। इसके अलावा निराधार आरोप भी लगाए जा रहे हैं। मां गंगा महाकुंभ करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक है। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। संगम का पानी न केवल स्नान के लिए बल्कि पीने के लिए भी उपयुक्त है। सपा और विपक्ष इस मुद्दे पर झूठा प्रचार कर रहे हैं। सीएम योगी ने विधानसभा में विपक्ष से कहा, ‘ध्यान दीजिए, ये उर्दू में नहीं है, ये शायरी हिंदी में है। हालांकि, सपा की संस्कृति अच्छी चीजों का विरोध करने की है-
बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू,
लगा के आग बहारों की बात करते हैं,
जिन्होंने रात को चुन-चुन के बस्तियों को लूटा,
वही नसीबों के मारों की बात करते हैं।
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल की भाषा पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह सभ्य समाज की भाषा नहीं है। सपा नेता अकबर के किले के बारे में तो जानते हैं, लेकिन अक्षयवट और सरस्वती कुएं के महत्व से अनभिज्ञ हैं। महाकुंभ और प्रयागराज के बारे में यही उनका सामान्य ज्ञान है। क्या महाकुंभ को भव्य बनाना कोई अपराध है? हमने सरकार के रूप में नहीं, बल्कि सेवक के रूप में काम किया है। फिर भी, किसी भी महान कार्य को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है – उपहास, विरोध और स्वीकृति।
बता दें, योगी सरकार बृहस्पतिवार को अपने दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेगी। इस बजट में योगी सरकार के घोषणा पत्र को पूरा करने की झलक दिख सकती है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सुबह उनके आवास पर कैबिनेट बैठक बुलाई गई है।