अहमदाबाद। क्राइम ब्रांच ने क्रिकेट पर सट्टा लगाने की खुफिया सूचना पर रिलीफ रोड पर छापेमारी की थी। इस दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की तो ई-कॉमर्स वेबसाइट पर डी-बगिंग सोफ्टवेयर से छेड़छाड़ करके मुफ्त में ऑनलाइन सामान मंगवाकर उसे थोक में बेचने के बड़े नेकवर्क का खुलासा हुआ। पुलिस की प्राथमिक जांच में पता चला कि आरोपियों ने गेमिंग और क्रिकेट सट्टेबाजी की साइट में धोखाधड़ी की थी। तीनों युवकों ने पिछले दो सालों में सात करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है
जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच पुलिस इंस्पेक्टर दीपक ढोला को खुफिया सूचना मिली थी कि रिलीफ रोड एक ऑफिस में तीन युवक ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा खेल रहे हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने ऑफिस में छापा मारकर विजय वाघेला (अश्वमेध टेनामेंट, बापूनगर), नितेश मडता (गुजरात हाउसिंग बोर्ड, बापूनगर) और आदिल परमार (रामी की चाल, रखियाल) को गिरफ्तार किया। जब उनकी जांच की तो क्रिकेट सट्टे से जुड़ी कई लॉगइन आईडी मिलीं। आरोपियों के पास से जब्त किए गए गजट की जांच करने पर पुलिस को पता चला कि आरोपी डि-बगिंग सॉफ्टवेयर की मदद से क्रिकेट सट्टेबाजी गेमिंग साइट के साथ छेड़छाड़ करके बड़े पैमाने पर रुपए की हेराफेरी कर रहे थे। पूछताछ के दौरान जो जानकारी सामने आई, उसे जानकर पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गई। डीसीपी अजीत राज ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपी ई-कॉमर्स, ज्वैलर्स या अन्य वेबसाइट में खामियां ढूंढने के लिए सिक्योरिटी टेस्टिंग सॉफ्टवेयर डि-बगिंग का इस्तेमाल करते थे। वे वेबसाइड में प्रवेश करके उत्पाद की कीमतों में छेड़छाड़ करते थे और 10,000 रुपये मूल्य के उत्पाद की कीमत एक रुपये लिखकर उसे फर्जी नाम से मंगवाकर सस्ते में खरीदते थे, फिर उसे सस्ते दामों पर बेच रहे थे। इस मोडस ऑपरंेडी से गेमिंग वेबसाइट और कैसीनो वेबसाइट में छेड़छाड़ करके पैसे ऐंठते थे। आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि पिछले दो वर्षों में 125 पार्सल मंगवाकर सात करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। इसके अलावा पुलिस ने 5 लाख रुपए के पार्सल भी जब्त किए हैं। पुलिस ने इन आरोपियों से पूछताछ के दौरान और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना जताई है। इस प्रकार यह केवल गुजरात ही नहीं, बल्कि पूरे देश में ऐसा पहला मामला सामने आया है।