नई दिल्ली। प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार, 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए। उनमें से कुछ का अभी भी इलाज चल रहा है, जबकि अन्य को उनके घर ले जाया गया है। इस त्रासदी के बाद से उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी वीआईपी और वीवीआईपी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांच फरवरी को प्रयागराज जाने का कार्यक्रम था, लेकिन अब संभावना है कि प्रधानमंत्री फिलहाल महाकुंभ में नहीं जाएंगे। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के महाकुंभ स्नान पर जाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। यह संभव है कि प्रधानमंत्री अपना दौरा स्थगित कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि वे 5 फरवरी को नहीं बल्कि किसी अन्य दिन महाकुंभ में जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ भगदड़ त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रयागराज महाकुंभ में जाकर संगम में डुबकी लगाई। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी महाकुंभ में डुबकी लगा चुके हैं।
मौनी अमावस्या के ब्रह्म मुहूर्त में लोगों की भीड़ काफी बढ़ गई थी। मेला प्रांगण में भारी भीड़ के प्रवेश के कारण अखाड़ा मार्ग पर लगे कई बैरिकेड्स टूट गए थे। बैरिकेड्स के दूसरी तरफ लोग सो रहे थे और बैठे थे, जो भीड़ की चपेट में आ गए थे।
स्थिति फिर न बिगड़े, इसके लिए यूपी सरकार ने कई इंतजाम किए हैं
- भगदड़ के बाद पूरे कुंभ क्षेत्र को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित कर दिया गया है।
- महाकुंभ के लिए जारी सभी वीआईपी और वीवीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं।
- भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए पूरे क्षेत्र में वन-वे सड़कें शुरू की गई हैं।
- नए प्रतिबंधों के तहत 4 फरवरी तक शहर के बाहर वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- अब कुंभ क्षेत्र के सभी पांटून पुल खोल दिए गए हैं।
- कुंभ क्षेत्र में स्नान स्थलों पर लोगों के ठहरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- अब संगम नोज पर प्रशासन श्रद्धालुओं की संख्या न्यूनतम रखने का प्रयास कर रहा है।
- भगदड़ के बाद नए अधिकारियों को कुंभ की प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंपी गई है।