प्रयागराज। प्रयागराज में महाकुंभ 2025 शुरू हो गया है। महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा मानव समागम है। इस धार्मिक आयोजन में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने उम्मीद जताई है कि महाकुंभ से दो लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि महाकुंभ भारत और विश्व का सबसे बड़ा आर्थिक केंद्र बनने जा रहा है। खंडेलवाल ने कहा, “महाकुंभ आस्था और आध्यात्म का केंद्र है और यह भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक ताकत का प्रतीक भी है। महाकुंभ भारत की धार्मिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और उत्तर प्रदेश को दुनिया में सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बनाएगा।
इस धार्मिक आयोजन से प्रयागराज और आसपास के शहरों में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। रेलवे, एयरलाइन और सड़क परिवहन से भी बड़ी मात्रा में राजस्व प्राप्ति होने की संभावना है। फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ के दौरान बड़े पैमाने पर आर्थिक और वाणिज्यिक गतिविधियां होंगी। एक अनुमान के अनुसार, धार्मिक तीर्थयात्रा पर प्रति व्यक्ति 5,000 रुपये खर्च करने से यह आंकड़ा 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। पांच हजार रुपये में होटल, धर्मशाला, अस्थायी आवास, भोजन, पूजा सामग्री, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य चीजों का खर्च शामिल है।
महाकुंभ-2025 के दौरान यहां हैं कारोबार के अवसर
- * स्थानीय होटल, गेस्टहाउस और आवास सुविधाओं से 40,000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
- * पैकेज्ड खाद्य पदार्थ, पानी, बिस्कुट, जूस और भोजन से 20,000 करोड़ रुपये तक का कारोबार होगा।
- * पूजा-सामग्री जैसे- तेल, दीया, गंगाजल, मूर्तियां, अगरबत्ती, धार्मिक पुस्तकें आदि की बिक्री से 20,000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
- * स्थानीय एवं अंतरराज्यीय परिवहन, माल ढुलाई एवं टैक्सी सेवाओं से 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
- * टूर गाइड, यात्रा पैकेज और पर्यटन सेवाओं का कारोबार अनुमानित 10,000 करोड़ रुपये का है।
- * स्थानीय उत्पाद, कपड़े, आभूषण और स्मृति चिन्ह से 5,000 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा होने की उम्मीद है।
- * अस्थायी चिकित्सा शिविर, आयुर्वेदिक उत्पाद और दवाइयों से 3,000 करोड़ के कारोबार की संभावना है।