बनासकांठा। मकर संक्रांति पर प्रदेशभर में लोग पतंग उड़ाकर मजा ले रहे हैं। वहीं, एक गांव ऐसा भी है, जहां लोगों ने कई सालों से पतंग नहीं उड़ाई है। बनासकांठा जिले की धानेरा तहसील के फतेपुरा गांव में लोगों ने कई सालों से पतंग नहीं उड़ाई है। यहां पतंग उड़ाने पर जुर्माना लगाया जाता है। इतना ही नहीं, दूसरे गांव के लोग भी यहां पतंग उड़ाने के लिए नहीं आ सकते हैं।
फतेपुर गांव में अधिकांश छतों के ऊपर से बिजली के खुले तार गुजरते हैं। यहां कई घरों की छतों पर प्रोटेक्शन दीवार भी नहीं बनी है। भूतकात में यहां मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाते समय कई युवक और बच्चे छत से नीचे गिर चुके हैं, कई की जान भी जा चुकी है। कई लोग पतंग उड़ाने के चक्कर में बिजली की भेंट चढ़ चुके हैं।
साल 1999 में गांव के बुजुर्गों ने बच्चों और युवकों की जान बचाने के लिए कुछ कड़े नियम बनाए। नियम के अनुसार गांव में काेई भी पतंग नहीं उड़ाएगा। पतंग उड़ाते हुए पकड़े जाने पर 11 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अलावा पतंग उड़ाने वाले को 5 बोरी अनाज दान करना होगा। ग्रामीणों द्वारा बनाए इस नियम का 1999 से सख्ती से पालन हो रहा है। नियम बनाने के बाद फतेपुर गांव में 1999 के बाद मकर संक्रांति पर कोई हादसा नहीं हुआ। गुजरात में लोग दिनभर पतंग उड़ाकर मकर संक्रांति मनाते हैं, वहीं दूसरी ओर फतेपुर गांव के लोग गाय को चारा अथवा क्रिकेट खेलकर मकर संक्रांति मनाते हैं।