नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) खिलाड़ियों पर कड़ा कदम उठाने की सोच रहा है। क्रिकेटर्स विदेशी दौरे पर अपनी पत्नियों को साथ नहीं रख सकेंगे। इस नियम के तहत अगर कोई टूर्नामेंट 45 दिन या उससे ज्यादा लंबा है तो परिवार को खिलाड़ियों के साथ सिर्फ 14 दिन रहने की इजाजत होगी और अगर दौरा इससे कम का है तो सिर्फ 7 दिन की इजाजत होगी। इसके अलावा कोच और खिलाड़ियों के मैनजरों को टीम बस में यात्रा करने से रोकना भी शामिल है। मैच के दौरान कई क्रिकेटरों की पत्नियां स्टेडियम में मौजूद रहती हैं, लेकिन अब बीसीसीआई इसे लेकर सख्ता रवैये अख्तियार करने जा रहा है।
इसके अलावा, इस नियम के तहत पत्नियां पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों के साथ नहीं रह सकतीं। परिवार केवल दो सप्ताह तक ही साथ रह सकता है। सभी खिलाड़ियों को टीम बस में यात्रा करनी होगी। इसके अलावा गौतम गंभीर के निजी मैनेजर को भी वीआईपी बॉक्स या टीम बस में बैठने की इजाजत नहीं होगी। उन्हें होटल में रुकना पड़ेगा। यदि खिलाड़ियों का सामान 150 किलोग्राम से अधिक होगा तो बीसीसीआई खिलाड़ियों के अतिरिक्त सामान पर शुल्क नहीं देगा।
भारतीय टीम को हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में 1-3 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। जिसके कारण भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर सका। यही कारण है कि भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के तीन सत्रों में पहली बार डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही। बीसीसीआई ने इसे लेकर कुछ दिन पहले समीक्षा बैठक की थी और अब खबर सामने आ रही है कि बोर्ड कुछ सख्त कदम उठाने पर विचार कर रहा है। इस समीक्षा बैठक में कप्तान रोहित शर्मा और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत आगरकर सहित टीम प्रबंधन ने भी हिस्सा लिया था।