प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो रहा है। यहां आने वाले श्रद्धालु तंबुओं के साथ डोम सिटी में भी रह सकेंगे। डोम सिटी महाकुंभ ही नहीं बल्कि भारत में पहली बार बसाई जा रही है। बुलेट प्रूफ, फायर प्रूफ और पारदर्शी डोम में एक दिन रुकने का किराया लाख रुपए से ज्यादा है। यह अलग बात है कि यहां एक रात बिताने पर फाइव स्टार होटल और महाराजाओं की आलीशान कोठियों के कमरे फीके नजर आएंगे। रिमोट से डोम की छत के पर्दे हटाकर रात के अंधेरे में आसमान में चमकते तारों को भी देखा जा सकेगा। दावा किया जा रहा है कि इसकी बुकिंग को लेकर जबरदस्त रिस्पांस आ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महाकुंभ के अरेल इलाके में डोम सिटी की व्यवस्था की गई है। यहां 22 बड़े-बड़े स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, जिसमें जमीन से 15 फीट की ऊंचाई पर फाइबर सीट से डोम तैयार किए गए हैं। डोम यानी फाइबर शीट से तैयार किया गया एक ऐसा कमरा, जिसे बेडरूम और ड्राइंग रूम दोनों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। महाकुंभ में तैयार डोम को चारों तरफ रंगीन पर्दे से ढका गया है। यह पर्दे रिमोट के जरिए खुल जाते हैं। डोम की अंदरूनी छत पर भी लगे पर्दे को रिमोट से हटाकर रात के वक्त आसमान में चमकते तारों का दीदार किया जा सकता है। डोम में टायलेट और बाथरूम अटैच्ड है। हर डोम के बाहर प्लेटफार्म पर ओपन एयर स्पेस रखा गया है। यहां कुर्सी और मेज लगे रहेंगे। लोग इस ओपन स्पेस से मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे और साथ ही महाकुंभ की गतिविधियों को भी देख सकेंगे। डोम के अंदर ऐसा डेकोरेशन किया गया है कि अंदर दाखिल होते ही एक अलग दुनिया का एहसास होने लगता है। डोम सिटी में बड़ी यज्ञशाला तैयार की जा रही है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के व्यक्तिगत तौर पर यज्ञ व पूजा करने के लिए छोटी यज्ञशालाएं भी हैं। इसके अलावा योग करने की जगह छोड़ी जाएगी और साथ ही एक मंदिर भी बनाया जाएगा। डोम सिटी में रोजाना शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और साथ ही आरती भी होगी। डोम में ठहरने का एक दिन का किराया 1 लाख, 11 हजार रुपए है। यह किराया स्नान पर्व और उससे एक दिन आगे पीछे का है। जबकि बाकी दिनों में एक रात रुकने के लिए 81 हजार रुपए चुकाने होंगे। इसके अलावा वुडन कॉटेज में आम दिनों में ठहरने के लिए रोजाना 41 हजार रुपए खर्च करने होंगे, जबकि स्नान तिथि और महापर्व पर
इसके लिए 61 हजार रुपए देने होंगे। इसमें नाश्ते और खाने का खर्च भी शामिल है.
बता दें, डोम सिटी का कॉन्सेप्ट आमतौर पर बर्फीले देशों में होता है। इसे इग्लू यानी गोलाकार आकार में फाइबर की सीट से तैयार किया जाता है। जबरदस्त ठंड से बचाने में यह काफी कारगर साबित होता है। भारत में चुनिंदा हिल स्टेशनों पर इक्का-दुक्का डोम बनाए गए हैं।