संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर से सटे मकान के अवैध हिस्से को तोड़ने का काम शुरू हो गया है। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक इस काम में हाथ नहीं डाला है। मकान मालिक मतीन अहमद खुद मजदूरों को बुलाकर इसे तोड़ रहे हैं।
मजदूर मंदिर के बगल में बने भवन के अवैध हिस्से को तोड़ रहे हैं। ग्रिल को हथौड़े से तोड़ा जा रहा है। मंदिर को कोई नुकसान न हो इसके लिए तिरपाल भी लगाया गया है। यह मंदिर हाल ही में एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान खोजा गया था।
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए मतीन अहमद ने कहा- हमारे पास सारे कागजात हैं, हम अपनी मर्जी से सारा काम कर रहे हैं और 2 से 2.5 फीट का हिस्सा तोड़ा जाएगा। मंदिर से सटा हुआ हिस्सा वैध है और शीर्ष स्तंभ को ध्वस्त कर दिया जाएगा। पहली मंजिल की बालकनी का आधे से ज्यादा हिस्सा गिर जाएगा। खिड़की नहीं टूटेगी।
बता दें, इस मंदिर की खोज 14 दिसंबर को जिला पुलिस और प्रशासन द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान की गई थी। संभल में स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी रखा है। इस बीच जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पत्र लिखकर वैज्ञानिक जांच की मांग की है। एएसआई ने इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है। उधर, सोमवार की शाम ही मतीन अहमद के घर की माप करायी गयी थी। एडिशनल एसपी शिरीष चंद ने कहा कि अगर कुछ भी अवैध पाया जाएगा तो उसे हटा दिया जाएगा। शिरीष चंद ने कहा कि मंदिर के बगल में मकान का 3 से 3.25 फीट का हिस्सा अवैध है और वह खुद इसे हटा रहे हैं। एहतियात के तौर पर मंदिर से बाहर आने वाले श्रद्धालुओं को नुकसान से बचाने के इंतजाम किए गए हैं। किसी को ईंट न लगे इसका ख्याल रखा जा रहा है।