नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान के 75 वर्ष की गौरव यात्रा पर दो दिवसीय बहस के दाैरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आपातकाल का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी, कांग्रेस के माथे से आपातकाल का दाग कभी नहीं मिटेगा, क्योंकि लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था। भारतीय संविधान निर्माताओं की तपस्या को मिट्टी में मिलाने का प्रयास किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का जिक्र किया और कहा कि 1947-1952 में इस देश में कोई चुनी हुई सरकार नहीं थी। एक अस्थायी व्यवस्था थी, सेलेक्ट गवर्नमेंट। पहला चुनाव 1952 में हुआ था। लेकिन 1951 में, कोई निर्वाचित सरकार नहीं होने के बावजूद और संविधान लागू होने के केवल दो साल बाद, जवाहरलाल नेहरू ने संविधान में पहला संशोधन पेश करके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला किया था।
उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू को यह पाप करते समय राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने चेतावनी दी थी, लेकिन पंडितजी अपना संविधान चला रहे थे। उसके बाद कांग्रेस ने संविधान में इतने संशोधन किये कि छह दशकों में संविधान को 75 बार बदला गया। आजादी के समय संविधान का निर्माण एकता की भावना से किया गया था, लेकिन आजादी के तुरंत बाद एकता की मूल भावना पर हमला किया गया और गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोगों को अनेकता में एकता की जगह विरोधाभास नजर आने लगा।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलने के साथ-साथ पिछले दशक में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने अनुच्छेद 370, जीएसटी, स्वास्थ्य कार्ड, राशन कार्ड जैसी उपलब्धियों का हवाला देते हुए देश में एकता के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बात की। पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के 75 साल की उपलब्धि सामान्य नहीं बल्कि असाधारण है। जब देश आजाद हुआ था, उस समय भारत के लिए जो संभावनाएं व्यक्त की गई थीं, उन्हें पराजित करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है। इसलिए हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता, उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि।
उन्होंने कहा कि हमने संविधान में संशोधन किया है, डंके की चोट पर लिया है, पर वह देश हित के लिए है। हमने संविधान की एकता की भावना के अनुरूप नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को महत्व दिया। अब गरीब परिवार के बच्चे भी मातृभाषा में पढ़कर डॉक्टर-इंजीनियर बन सकेंगे। धारा 370 देश की एकता में बाधक थी, इसलिए हमने उसे जमीन में गाड़ दिया। भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र, गणतंत्र का अतीत अत्यंत गौरवशाली, समृद्ध और दुनिया के लिए प्रेरणादायी है। भारत आज लोकतंत्र की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है।