संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के खग्गूसराय क्षेत्र में 46 साल बाद मंदिर के द्वार खोले गए हैं। डीएम-एसपी द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान इस इलाके में एक मंदिर बंद पाया गया। वहां पहुंचने के बाद मंदिर खोला गया। जब मंदिर की सफाई शुरू की गई तो इसी दौरान एक कुआं भी मिला। कुएं को खोलने का काम भी किया जा रहा है। यह मंदिर रस्तोगी परिवार के कुलगुरु का बताया जाता है। लोगों का दावा है कि आसपास के कई और मंदिरों पर भी कब्जा कर लिया गया है। दरअसल, ये वही इलाका है जहां हिंसा भड़की थी और चार लोगों की जान चली गई थी।
डीएम ने बताया कि शनिवार, 14 दिसंबर को सुबह सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। इसी बीच बिजली चोरी का मामला सामने आया। मस्जिदों से बिजली चोरी की जा रही है। इस इलाके में मंदिर बंद होने की भी खबर है। मौके पर पहुंचकर जांच की गई। मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। मंदिर की सफाई की है। जेसीबी से खुदाई में एक कुआं भी मिला है। अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
स्थानीय लोगों के मुताबिक दंगों के बाद हिंदू इस इलाके में पलायन कर गए थे। यह मंदिर वर्षों से बंद था। मंदिर पर कब्ज़ा कर लिया गया था। आज प्रशासन ने इस मंदिर को दोबारा खोल दिया है। प्रशासन ने पूरे मंदिर की सफाई की। इसके बाद लोगों की भीड़ जुटने लगी। मंदिर की साफ-सफाई के बाद पूजा शुरू की गई।
नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी ने दावा किया कि मंदिर 1978 के बाद दोबारा खोला गया है। हम खग्गू सराय इलाके में रहते थे। हमारा घर पास में ही है। 1978 के बाद हमने घर बेच दिया और जगह खाली कर दी। यह भगवान शिव का मंदिर है। हमने यह इलाका छोड़ दिया और इस मंदिर की देखभाल नहीं कर सके। इस स्थान पर कोई पुजारी नहीं है। यहां से 15-20 परिवारों ने इलाका छोड़ दिया है। हमने मंदिर बंद कर दिया क्योंकि पुजारी यहां नहीं रह सकते थे। किसी पुजारी की यहां रुकने की हिम्मत नहीं हुई। यह मंदिर 1978 से बंद था और आज खोला गया है।