सूरत। सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेताओं की मनमानी का एक और मामला सामने आया है। शासक पक्ष की नेता शशिबेन त्रिपाठी सरकारी गाड़ी लेकर प्रयागराज गई थी और वह दुर्घटना का शिकार हो गई। हादसे में गाड़ी को भारी क्षति हुई है। हादसे के बाद नया विवाद शुरू हो गया है। गाड़ी में हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा? क्या नगर पालिका इसका खर्च उठाएगी या जो नेता निजी काम के लिए गाड़ी लेकर गई थी, वह इसका खर्च उठाएगी? इसके साथ ही सरकारी गाड़ी को शहर से बाहर ले जाने का विवाद उठने लगा है।
बता दें, सूरत नगर पालिका के पदाधिकारियों को इनोवा कारें आवंटित की गई हैं। इस कार का इस्तेमाल सिर्फ शहर तक ही सीमित है। इसके बावजूद शासक पक्ष नेता शशिबेन त्रिपाठी नगर निगम की ओर से आवंटित इनोवा कार को उत्तर प्रदेश ले गई और प्रयागराज में कार का एक्सीडेंट हो गया। हादसे में कार को भारी क्षति हुई है।
सूरत में चर्चा है कि जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त शासक पक्ष की नेता शशिबेन त्रिपाठी कार में नहीं थीं। हालांकि, मामले की पुष्टि के लिए सत्तारूढ़ दल के नेता से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका आधिकारिक फोन बंद था।