अहमदाबाद। आज शनिवार को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में स्वर्ण कार्यकर्ता महोत्सव मनाया जाएगा। दोपहर 1 बजे से कार्यकर्ताओं का स्टेडियम में प्रवेश शुरू हो जाएगा। इस पूरे कार्यक्रम की तैयारी फरवरी 2023 से शुरू की जा रही थी।
भारत में पहली बार एक लाख कार्यकर्ता एलईडी बेल्ट के साथ अलग-अलग सिम्बोल का प्रदर्शन करेंगे। स्टेडियम के मैदान पर अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से प्रस्तुति देंगे। स्टेडियम में दो हजार से ज्यादा वर्कर्स, 1800 लाइट्स, 30 प्रोजेक्टर की मदद से परफॉर्मेंस दी जाएगी। स्टेडियम में साइक्लोन इफेक्ट और आकाश में विभिन्न तकनीकों की मदद से अलग-अलग प्रतिकृतियां तैयार की जाएंगी। इनमें से प्रत्येक को एक सकारात्मक संदेश के साथ तैयार किया गया है। इस आयोजन के लिए पुरुष और महिला कार्यकर्ताओं के लिए एक विशेष ड्रेस कोड है। आज, 7 दिसंबर को शाम 5 बजे से रात 8:30 बजे तक 2000 से ज्यादा परफॉर्मेंस पेश की जाएगी। इस कार्यक्रम में 1500 से ज्यादा बच्चे खास प्रस्तुति देंगे।
इस संबंध में अक्षर वत्सल स्वामी ने बताया स्वयंसेवकों के योगदान को लेकर महंत स्वामी स्वयं घर जाना चाहते थे, लेकिन स्वास्थ्य के कारण यह संभव नहीं हो सका। इसलिए हमने वर्ष के दौरान अलग-अलग तरीकों से आयोजन किया, ताकि महंत स्वामी इन कार्यकर्ताओं से आमने-सामने संपर्क कर सकें। 1972 में प्रमुख स्वामी ने कार्यकर्ताओं के लिए इस संगठन की शुरुआत की थे। ये स्वयंसेवक दुनिया की किसी भी विकट परिस्थिति में मदद के लिए जाते हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान स्टेडियम के अंदर ही तूफान, फल, फूल, पेड़ की थीम दिखाई जाएगी। बीज, पेड़ और फलों के माध्यम से यह दिखाया जाएगा कि बीएपीएस के संतों ने सेवा और आध्यात्मिकता के बीज कैसे बोए थे। कैसे एक स्वयं सेवक अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में चुनौतियों और कठिनाइयों के बावजूद सेवा के लिए एक पेड़ की तरह अडिग रहा। आखिरकार इसका फल समाज के उस तबके को मिला, जिसे वास्तव में इसकी जरूरत थी।
इस कार्यक्रम में संतों के भाषण, डॉक्यूमेंट्री और तस्वीरें भी दिखाई जाएंगी। कार्यकर्ताओं के संघर्ष को दिखाया जाएगा। अगर आपमें आत्मविश्वास है तो आप आसमान में भी फल उगा सकते हैं। महोत्सव में विदेशों से 10 हजार समेत 1.50 लाख कार्यकर्ता शामिल होंगे। प्रमुख स्वामी के आशीर्वाद से अभी भी कार्यकर्ता संस्थान में सेवाएं दे रहे हैं।
दिलीप पटेल ने कोरोना काल में अमेरिकी जेल में 3 महीने तक सेवा की, जबकि इंग्लैंड के डॉ. मौलिक पटेल ने महामारी के दौरान परिवार के मना करने के बावजूद भी सेवा की। साल 2000 में कच्छ के भचाऊ में आए भूकंप के दौरान आणंद में बैठे प्रमुख स्वामी महाराज के कहने पर विंड कमांडर राजेंद्र दानक ने हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों को बचाया था, साथ ही गंभीर हालत में लोगों तक हवाई मार्ग से खाने के पैकेट पहुंचाए थे।