नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को संभल हिंसा को लेकर खूब हंगामा हुआ। सपा प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा- संभल हिंसा एक सोची समझी साजिश है। संभल में भाईचारे को गोली मारी गई, पुलिस ने माहौल बिगाड़ा। संभल हिंसा को लेकर अखिलेश यादव ने संसद में कहा कि इस इलाके में सभी लोग भाईचारे के साथ रह रहे थे, लेकिन जामा मस्जिद के सर्वे के नाम पर माहौल खराब किया गया। जिस तरह से जामा मस्जिद में खुदाई की चर्चा हो रही है उससे देश का सौहार्द िबगड़ेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि अधिकारी मनमानी कर रहे हैं और ये सब सरकार के इशारे पर हो रहा है। इस तरह का बर्ताव पहले कभी नहीं देखा गया। जिम्मेदार अधिकारियों पर तो कार्रवाई होनी चाहिए। जो बार-बार खुदाई (सर्वे) की मांग रहे हैं, वो देश के सौहार्द को खो देगी। यह एक सोची समझी रणनीति है। जिसके तहत बीजेपी हर जगह इस तरह की हरकत कर रही है।
अखिलेश यादव ने सरकार को घेरते हुए कहा- मौजूदा सरकार संविधान में विश्वास नहीं रखती। याचिका 19 नवंबर को दायर की गई थी, लेकिन दूसरे पक्ष को सुने बिना ही सर्वे आदेश जारी कर दिए गए। अगर एक बार सर्वे हो गया तो दूसरी बार जाने की क्या जरूरत थी?
संभल हिंसा के मुद्दे पर सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस ने लोगों को नमाज पढ़ने से रोका। जब लोगों ने पुलिस से सवाल किया कि ये सर्वे दूसरी बार क्यों कराया जा रहा है तो जवाब देने की बजाय उन पर गोलियां चला दी गईं। संभल में माहौल खराब करने के लिए पुलिस जिम्मेदार है और यह कृत्य करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।