गांधीनगर। स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल की अध्यक्षता में शनिवार, 30 दिसंबर को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत स्टेट काउंसिल की बैठक हुई। बैठक में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत मौजूदा प्रावधानों, एक्ट के तहत आवश्यक संशोधनों और अस्पताल पंजीकरण की विस्तार से समीक्षा की गई।
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल ने कहा है कि 12 मार्च 2025 तक राज्य के सभी अस्पतालों को इस अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इस समयावधि में पंजीयन नहीं कराने वाले स्वास्थ्य संस्थानों के विरुद्ध वित्तीय कार्रवाई के साथ-साथ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी।
इस अधिनियम के तहत सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों, प्राइवेट और ट्रस्ट प्रबंधित संस्थानों को पंजीकरण कराना आवश्यक है। क्लिनिक प्रतिष्ठानों की सभी प्रकार की चिकित्सीय और डायग्नोस्टिक सेवाओं के लिए भी पंजीकरण अनिवार्य है। एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, सिद्ध और यूनानी जैसी सेवाएं देने वाले चिकित्सा संस्थानों को भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना चाहिए।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने वाले संगठनों को अस्थायी/स्थायी ऑनलाइन पंजीकरण के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र हासिल करना आवश्यक है। बिना पंजीकरण वाली स्वास्थ्य संस्थाओं पर 10 हजार से लेकर 5 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/इकाई को पहले अपराध के लिए दस हजार रुपये, दूसरे अपराध के लिए पचास हजार रुपये तक और किसी भी अपराध के लिए एक (1) लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति या संगठन जानबूझकर अधिनियम के तहत जारी आदेश की अवज्ञा करता है या किसी कार्य में बाधा डालता है, तो उस व्यक्ति/संगठन पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।