नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने अा रहे हैं। अब तक के रुझानों में एनडीए का रथ आगे चल रहा है और ऐसे आंकड़े आ रहे हैं कि भाजपा अकेले अपने दम पर सरकार बना सकती है। अगर ऐसा हुआ तो क्या एकनाथ शिंदे के हाथ से मुख्यमंत्री का पद फिसल जाएगा? क्या महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री होगा? हालांकि, महायुति की सफलता के बाद एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हमें ज्यादा सीटें मिलीं, इसका मतलब यह नहीं कि मैं मुख्यमंत्री हूं। अब तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? हमारे काम से महायुति को बंपर बहुमत मिला है। हमें अपने परिश्रम का फल मिला है। मैं महाराष्ट्र की जनता का आभारी हूं।
महायुति को बंपर जीत मिली है, शिवसेना एक बार फिर शिंदे को सीएम बनाने की मांग कर सकती है। शिव सेना सांसद नरेश म्हस्के ने मांग की है कि मैं शिव सेना कार्यकर्ता हूं और चाहता हूं कि शिंदे फिर से राज्य की सत्ता संभालें।
खबर लिखे जाने तक एनडीए 210 सीटों पर आगे है, जबकि अकेले भाजपा 124 सीटों पर आगे है। शिवसेना 55 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी 34 सीटों पर आगे चल रही है। महाविकास अघाड़ी को 67 सीटों पर बहुमत है। महाराष्ट्र में कुल 288 सीटें हैं, बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है।
अगर अंतिम नतीजे में मौजूदा रुझान उलट जाता है तो भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिल जाएगा और वह अपने दम पर सरकार बनाने में सफल हो जाएगी। इसका सीधा असर एनडीए गठबंधन के घटक दलों एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी पर पड़ेगा।
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झारखंड की बात करें तो वहां सत्ता बदलती रही है। लेकिन इस बाद यह रिकॉर्ड टूट रहा है। ताजा रुझानों में झारखंड में 24 साल का रिकॉर्ड टूट रहा है। पहली बार कोई पार्टी राज्य में जोरदार वापसी कर रही है। ताजा रुझानों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाला भारत गठबंधन 88 में से 55 सीटों पर आगे चल रहा है। नतीजे में यही रुख बदला तो झारखंड में हेमंत सोरेन की वापसी तय है। जेएमएम 31 सीटों पर आगे चल रही है। जेएमएम की सहयोगी कांग्रेस 12 सीटों पर, राजद 6 सीटों पर और लेफ्ट दो सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा 30 सीटों पर आगे है। झारखंड में इस रुझान के बाद अब यह चर्चा होने लगी है कि क्या हेमंत सोरेन की जीत का दरवाजा जेल से खुला?