नई दिल्ली। दिवाली से पहले कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को धनवंतरि जयंती भी कहा जाता है। धनतेरस पर लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। इस साल धनतेरस को लेकर दुविधा है। त्रयोदशी तिथि 29 और 30 अक्टूबर को पड़ रही है। ज्योतिषियों के अनुसार त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इसका समापन दूसरे दिन 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा। धनतेरस की पूजा शाम को हाेती है, इसलिए 29 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 31 मिनट तक पूजा की जा सकती है।
शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस कलश में अमृत था। अमृत पान करके देवता अमर हो गए थे। अतः हर वर्ष कार्तिक माह में धनतेरस मनाया जाता है। इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। अमृत कलश लेकर प्रकट होने के चलते धनतेरस के दिन बर्तन, आभूषण और वाहन खरीदने की प्रथा है।
नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष गणना के आधार पर है और सामान्य सूचना के लिए है। DHN इसका समर्थन नहीं करता है।