अहमदाबाद। प्रदेश में नकली की भरमार है। नकली सरकारी कार्यालय, नकली टोलनाका, नकली पुलिस, नकली अदालत-जज, नकली घी, पनीर, तेल के बाद एक और चौंकाने वाला नकली मामला सामने आया है। भाजपा के मुस्लिम पार्षद ने हिंदू नाम रखकर गलत दस्तावेज-जन्मतिथि जमा करके चुनाव लड़ा था, अब कोर्ट ने उसके शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया है। अहमदाबाद कांग्रेस अध्यक्ष हिम्मतसिंह पटेल ने इस मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें गुजरात कांग्रेस के मीडिया संयोजक और प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी, अहमदाबाद सिटी लीगल सेल के चेयरमैन कल्पेश पटेल सहित नेता मौजूद रहे।
अहमदाबाद नगर निगम चुनाव 2021 में नवरंगपुरा वार्ड से भाजपा उम्मीदवार नीरव कवि की जीत को कांग्रेस के नवरंगपुरा वार्ड के उम्मीदवार जय पटेल ने चुनौती दी है और दावा किया है कि नीरव कवि मुस्लिम हैं, उन्होंने अपना नाम और मुस्लिम पहचान छिपाकर चुनाव लड़ा था। 4 साल बाद कोर्ट ने इस मामले में नीरव कवि के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया है। अहमदाबाद शहर कांग्रेस के अध्यक्ष हिम्मतसिंह पटेल ने कहा कि नीरव कवि ने मुस्लिम होने के बावजूद अपना नाम, जाति और धर्म बदलकर चुनाव लड़ा। नीरव जगदीशभाई कवि का असली नाम राजकवि मीर है और वह मुसलमान हैं। नीरव कवि ने गलत दस्तावेज बनाकर चुनाव आयोग के साथ-साथ जनता को भी गुमराह किया है।

हिम्मतसिंह पटेल ने कहा कि 2021 के अहमदाबाद नगर निगम चुनाव में उन्होंने नामांकन फॉर्म में अपनी जन्मतिथि 11/11/77 अंकित की थी, जबकि उनकी वास्तविक जन्मतिथि 1/6/75 है। इस गलत जन्मतिथि के आधार पर उनके आधार कार्ड, चुनाव, पैन कार्ड जैसे दस्तावेज बनाए गए, जिसकी लिखित शिकायत कांग्रेस के नवरंगपुरा वार्ड के उम्मीदवार जयकुमार पटेल ने सबसे पहले पुलिस थाने में की, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण अहमदाबाद मेट्रो मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर 23 में आपराधिक मामला आईपीसी की धारा 191, 192, 193, 196, 414, 420 के तहत मामला संख्या 2721/2021 दायर किया गया।
नीरव कवि की सही जन्मतिथि साबित करने के लिए मेट्रो पॉलिटिन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पंकज विद्यालय के साथ-साथ समर्थ हाईस्कूल की ओर से स्कूल के सामान्य रजिस्टर के रिकॉर्ड के साथ गवाही दी और उनकी जन्मतिथि 1/6/1975 को साबित किया गया। हालांकि अदालत ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 203 के तहत शिकायत को रद्द कर दिया था। इसके बाद अहमदाबाद सिटी सिविल और सेशन कोर्ट में नंबर 16/2023 के तहत एक आपराधिक पुनरीक्षण दायर किया गया था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश एमपी पुरोहित ने 21 अक्टूबर, 2024 को एक फैसला सुनाया जिसमें ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया गया और भाजपा पार्षद नीरव कवि के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया।